रास्ते का विवाद ,दिव्यांग किसान की खेत में पड़ी गेहूं की फसल हो रही बर्बाद
-राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते आदेश पारित होने के बाद भी नहीं खुल पाया रास्ता
उज्जैन। जिले के बडनगर में एक किसान को अपने खेत से मुख्य मार्ग पर आने का रास्ता नहीं मिल रहा है। दुसरे किसान ने परंपरागत मार्ग कब्जा लिया है। मामला अधिकारियों के आदेश और संज्ञान में होने के बाद भी नहीं सुलझ रहा है। इसके चलते दिव्यांग कृषक खेत से अपनी गेंहु की फसल तक बाजार तक नहीं ले जा पा रहा है।
मामला इस प्रकार बताया जा रहा है कि बड़नगर तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम कंथारखेड़ी निवासी सुगन भाई पति प्रभु लाल, महेंद्र पिता रतनलाल एवं नवल सिंह पिता पीरूलाल जाति बंजारा की कंथारखेड़ी स्थित सर्वे क्रमांक 13 /2 की कृषि भूमि पर आने जाने का रास्ता पड़ोसी किसान अमराजी पिता खेमाजी जाति गारी निवासी ग्राम कंथारखेड़ी की सर्वे क्रमांक 14 की पश्चिमी मेड लगभग 50 फीट लंबा मार्ग जिस पर से पिछले 40 – 50 वर्षों से आवागमन था। उक्त मार्ग को अमराजी पिता खेमाजी द्वारा पिछले दिनों अवरुद्ध कर दिया गया था। इस कारण किसान की खेत में गेहूं की कटी हुई फसल पड़ी है, जिसे वह निकाल नहीं पाया। इसको लेकर पीड़ित किसानों ने रास्ता खोले जाने को लेकर राजस्व विभाग में आवेदन दिया था। इस पर दिनांक 26 /4/2024 को तहसीलदार द्वारा आदेश पारित किया गया था। किंतु लंबा अंतराल बीतने के बाद दिनांक 16/ 5/2024 को पटवारी मौके पर पहुंचे, मगर रास्ता नहीं खुलवा पाए। पीड़ित किसानों के यहां आयोजित कार्यक्रम में मेहमान आई महिलाएं जब खेत पर गई और वहां से मेड पर होकर आ रही थी। तभी अमराजी पिता खेमा जी के परिवार की महिलाओं ने उनके साथ मारपीट की, जिसमें दो महिलाएं घायल हो गई, जिनका जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। इधर अमरजी की ओर से इंगोरिया थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। पुलिस में दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।