गंभीर डैम का गहरीकरण 23 मई से होगा प्रारंभ
उज्जैन। जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए गंभीर डैम का गहरीकरण किया जाएगा। सोमवार को प्रशासनिक संकुल भवन सभाकक्ष में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गंभीर डैम के गहरीकरण के संबंध में जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनपद सहित अन्य निर्माण संबंधी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की । इसके बाद उन्होंने 23 मई से गहरीकरण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में निर्देश दिए की गंभीर डैम के गहरीकरण का कार्य 23 मई से प्रारंभ किया जाए। जिसे 15 जून तक पूर्ण किया जाना सुनिश्चित कराएं। गहरीकरण के लिए नोडल डिपार्टमेंट जल संसाधन विभाग होगा। सभी निर्माण विभागों को गहरीकरण के संबंध में दायित्व सौंप जाएंगे और जिनके द्वारा आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर काम किया जाएगा। सभी विभाग आपसी सामंजस्य एवं समन्वय से गहरीकरण का कार्य कराएं।
गहरीकरण को लेकर कभी कुछ खास नहीं हुआ-
2250 एमसीएफटी क्षमता के गंभीर बांध की शुरूआत बोरीबंधान से हुई है। 1980 में इस पर बोरी बंधान का बांध सबसे पहले बनाया गया था। इसके बाद इस पर डेम बनाने की प्रक्रिया के तहत 3 चरणों में इसका कार्य पूर्ण करते हुए 2250 एमसीएफटी का डेम 1992 में बनकर तैयार हुआ । इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहाराव ने किया था। इसके बाद से ही डेम क्षेत्र में पानी के साथ आने वाली गाद को लेकर बहुत ज्यादा कुछ नहीं किया गया। 2003 के पूर्व तक इसे पूरी क्षमता से भरा नहीं जाता था। पहली बार 2003 में महापौर मदनलाल ललावत के कार्यकाल में इसे पूरी क्षमता से भरने के लिए बडवई एवं एक अन्य गांव के ग्रामीणों को जल भराव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया था। तत्कालीन समय के अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना इस दौरान सहना पडा था। इसका परिणाम यह सामने आया था कि डेम पूरी क्षमता से भरा गया और वर्ष 2004 के सिंहस्थ में गंभीर के जल से पूरा समागम निपटा था।