इंदौर नगर निगम घोटाला- पानी चोरों पर केस दर्ज, घोटालेबाज इंजीनियर अभय राठौर और उसके रिश्तेदारों ने 10 साल में चुराया 3.37 करोड़ रुपये से अधिक का पानी

 

 

इंदौर। फर्जी बिलों के जरिए नगर निगम से करोड़ों रुपये के भुगतान के मामले में मास्टरमाइंड और पानी चोर अभय राठौर और उसके रिश्तेदार राकेश सिंह चौहान ने दस वर्ष में तीन करोड़ 37 लाख 45 हजार रुपये से ज्यादा का पानी चुरा लिया। निगम ने राठौर और उसके रिश्तेदार के यहां मिले अवैध नल कनेक्शनों से हुई पानी की चोरी का आकलन करते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था। एमजी रोड पुलिस ने अभय राठौर और राकेश सिंह चौहान के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
निगम की जांच में मिले चार कनेक्शनों में से एक चार इंच कनेक्शन था जबकि बाकी तीन कनेक्शन एक-एक इंच थे। सभी एक-एक इंच कनेक्शन मेन लाइन से जुड़े थे और इन कनेक्शनों से 24 घंटे लगातार पानी सप्लाई हो रहा था। एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ नगर निगम इस राशि की वसूली की तैयारी भी कर रहा है।

ऐसे की गणना

अभय राठौर के गुलाबबाग स्थित घर में एक इंच अवैध कनेक्शन मिला था। मेनलाइन से जुड़ा होने से इससे 24 घंटे पानी सप्लाय हो रहा था। इस कनेक्शन की दस वर्ष की जल चोरी का आंकलन 89 लाख 45 हजार रुपये किया गया है। इसी तरह राकेश सिंह चौहान के नाम से तीन कनेक्शन मिले थे। इनमें से दो कनेक्शन एक-एक इंच और एक कनेक्शन चार इंच था।
चूंकि, एक-एक इंच कनेक्शनों में 24 घंटे पानी आता था इसलिए इन दोनों कनेक्शनों से एक करोड़ 78 लाख 71 हजार रुपये और चार इंच कनेक्शन से 69 लाख 68 हजार रुपये का पानी चुराया गया। इस तरह इन तीनों कनेक्शनों के जरिए पानी की चोरी की गणना दो करोड़ 48 लाख रुपये की गई है। इस तरह से चारों अवैध कनेक्शनों पर समग्र रूप से तीन करोड़ 37 लाख 45 हजार रुपये की चोरी की गणना की गई है। नगर निगम ने चोरी की गणना 37 रुपये प्रति एक हजार लीटर के हिसाब से की है।

अभय राठौर और उसके राकेश सिंह चौहान के यहां मिले अवैध जल कनेक्शन से हुई पानी की चोरी का आंकलन कर हमने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था। तीन करोड़ 37 लाख 45 हजार रुपये का पानी चुराया गया है। इस राशि की वसूली के लिए भी कार्रवाई करेंगे।
-शिवम वर्मा, निगमायुक्त इंदौर

एसआईटी को भेजे दस्तावेज, फर्जीवाड़ा बढ़ने की आशंका

इधर, नगर निगम ने इस मामले में राज्य शासन द्वारा गठित विशेष जांच समिति (एसआईटी) को वे सारे दस्तावेज सौंप दिए जो समिति ने मांगे थे। निगमायुक्त ने इसकी पुष्टि की। इसके बाद मामले की जांच में तेजी आने की संभावना है। समिति ने गुरुवार को आठ घंटे से ज्यादा समय इंदौर में बिताया था। इस दौरान समिति के सदस्य नगर निगम मुख्यालय भी गए थे और वहां टेंडर, कार्यादेश, बिल, भुगतान आदि की प्रक्रिया समझी थी। समिति ने निगमायुक्त को दस्तावेजों की सूची सौंपते हुए कहा था कि वे जितनी जल्दी हो इन दस्तावेजों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करा दें। निगम ने ये दस्तावेज समिति को भेज दिए।