खुलेआम चल रहा एक लगाओ अस्सी पाओ का खेल, पुलिस प्रशासन की मौन स्वीकृति
सुसनेर। कभी चोरी छिपे और कागज की पर्ची पर चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम हाईटेक सिस्टम से मोबाइल के माध्यम से संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।
ऐसा तब है जब सट्टा में प्रभारी थाना प्रभारी के जिला साईबर सेल अधिकारी नागेश यादव पदस्थ है। यही नही खुलेआम चल रहे इस सट्टे की शिकायते कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर आम लोगो के द्वारा पुलिस के स्थानीय जिम्मेदारों से लेकर जिले के जिम्मेदारों तक की है। शिकायत का असर छोटी-मोटी कार्रवाई के रूप में देखने को मिल जाता है। किंतु कार्रवाई का दिन छोड़कर बाकी दिन बेखौफ इक्का मिडी का खेल बदस्तुर जारी रहता। बता दे कि सुसनेर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले डोगरगांव, मोड़ी, सुसनेर नगर, नलखेंडा, बडागांव आदि शहरों में खुलेआम सट्टे का व्यापार चल रहा हैं।
बेरोजगार युवाओं को कमीशन का लालच
गरीब बेरोजगार युवाओं को मोटे कमीशन का लालच देकर इस अवैध कारोबार में उतारा जा रहा है। आगे चलकर यही युवा अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं। शिकायत होने पर जब पुलिस अभियान चलाती है तो खाईवाल को बक्श कर अक्सर इन्हीं युवाओं के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेती है। किन्तु लंबे समय से पुलिस की खानापूर्ति भी नजर नही आ रही हैं।
क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ी
क्षेत्र में कानून व्यवस्था इस तरह बिगड़ी है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को पुलिस का जरा भी भय नहीं है। पहले तो कभी कभार एक दो छोटे प्रकरण बनाकर खानापूर्ति कर दी जाती थी। इस कारण जुए के अड्डे व सट्टे की खाईवाल के हौसले बुलंद हैं। वे अपने काम को खुलेआम संचालित कर रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि पुलिस के संरक्षण के कारण इनका संचालन हो रहा है।