पटवारी ने लोकसभा चुनाव परिणाम की चिंता छोड़ी, आगे की रणनीति के लिए कमर कसी
प्रदेश कांग्रेस में अपनी पैठ बरकरार रखने के लिए करेंगे नए – नए जतन
इंदौर। प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक भोपाल में हुई। इसमें पार्टी के सभी विधायक सांसदों के अलावा सांसद पद पर चुनाव लड़ रहे सभी 27 प्रत्याशियों को बुलाया गया था। बैठक में प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, जीतू पटवारी और उमंग सिंघार सहित सभी बड़े नेता मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक के माध्यम से जीतू पटवारी चुनाव परिणाम के पूर्व अपनी जमावट को मजबूत करने की कोशिश करने में लग गए है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वह कम से कम आधा दर्जन सीट जीतने की स्थिति में है। पार्टी का आकलन है कि उसके प्रत्याशियों ने लोकसभा के 15 सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है।
इनमें से कम से कम 6 सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। कांग्रेस को सबसे अधिक आशा छिंदवाड़ा, मंडला, सतना, मुरैना, ग्वालियर, रतलाम झाबुआ, सीधी, रीवा, खरगोन और धार सीट से है। 2014 में कांग्रेस को दो सीटें मिली थी जबकि 2019 में केवल नकुलनाथ जीत पाए थे। इसके पहले 2004 में कांग्रेस मध्य प्रदेश में 4 और 2009 में 12 सीटें जीत चुकी है। कांग्रेस को उम्मीद है कि 2009 की तरह इस बार उसका प्रदर्शन अच्छा रहने वाला है। कांग्रेस को जानने वाले मानते हैं कि यदि जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस ने दो सीटों पर भी जीत दर्ज की तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी पारी मजबूती से आगे बढ़ेगी।
यदि 2019 की तरह कांग्रेस का सफाया हुआ तो फिर जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस चलाने में दिक्कत आ सकती है। जीतू पटवारी चाहते हैं कि चुनाव परिणाम आने से पहले ही पीसीसी का गठन हो जाए।
पीसीसी के गठन में युवाओं को मिलेगा महत्व —-
लोकसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस प्रदेश संगठन का चेहरा बदलने जा रही है। इसमें जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक आधे पदाधिकारी 50 वर्ष से कम आयु के होंगे। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और अन्य विभाग व प्रकोष्ठ के कुछ पदाधिकारियों को मुख्य संगठन में लेने के साथ ही इनके संगठनों को भी नया रूप दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के डेढ़ माह के भीतर संगठन को पूरी तरह से बदलने की तैयारी है। इसमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा।
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को बनाकर पीढ़ी परिवर्तन का संदेश दिया गया था। पटवारी ने केंद्र संगठन को प्रदेश कार्यकारिणी के लिए 64 नाम भी प्रस्तावित किए हैं। लोकसभा चुनाव के कारण केंद्रीय संगठन से हरी झंडी नहीं मिली है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव होने के बाद एक बार फिर अब संगठन को नए सिरे से तैयारी करने कवायद प्रारंभ हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि डेढ़ माह में सभी पहलूओं पर विचार करके नई टीम तैयार की जाएगी। नए चेहरों को आगे लाया जाएगा तो वरिष्ठ नेताओं का उपयोग भी किया जाएगा। इसके संकेत उन्होंने कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में भी दे दिए।
उधर, युवा कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह भी संगठन को आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करने 22 मई से जिलेवार समीक्षा करेंगे। इसके बाद नए चेहरों को अवसर देने का निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, मोर्चा-प्रकोष्ठों की लोकसभा चुनाव में भूमिका को लेकर संगठन संतुष्ट नहीं है। बूथ स्तर पर जिस तरह के काम की अपेक्षा इन संगठनों से की गई थी, वह कहीं भी नजर नहीं आई है।
जीतू पटवारी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। तब से संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष राजीव सिंह, महेंद्र सिंह चौहान, जेपी धनोपिया, मुकेश नायक, गोरकी बैरागी, केके मिश्रा समेत कुछ पदाधिकारी ही काम कर रहे थे।
पार्टी ने पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना और आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम को बैतूल से चुनाव लड़ाया। दोनों अपने-अपने चुनाव में व्यस्त रहे, इसके कारण संगठन का काम भी प्रभावित हुआ। आज की बैठक के बाद जीतू पटवारी और भंवर जितेंद्र सिंह पीसीएस के गठन की कवायद तेज कर देंगे।