विश्व विद्यालय चलो अभियान,कुलगुरू ने रखी जैव विविधता की बात
प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न, शैक्षणिक संस्थानों से 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया
विक्रम विवि विगत वर्षों से जैव विविधता के संरक्षण के लिए सजग, विद्यार्थी इस विषय की गंभीरता को समझें – कुलगुरु
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में 22 मई से 2 जून 2024 तक चलाए जा रहे विश्वविद्यालय चलो अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी शृंखला में 22 मई को प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विद्यार्थियों के लिए बायो डायवर्सिटी डे के उपलक्ष्य में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालय और महाविद्यालय एवं विभागों के सौ से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में क्विज प्रतियोगिता के बाद बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन विषय पर चर्चा हुई।
संस्कृति में ही विशिष्ट स्थान-ठाकुर
इस चर्चा के मुख्य अतिथि इतिहासकार एवं आर्कियोलॉजिस्ट डॉक्टर आर सी ठाकुर थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि भारत की संस्कृति में बायोडायवर्सिटी या जैव विविधता का विशिष्ट स्थान है। भारत सदैव जैवविविधता में समृद्ध रहा है और भारत में उपलब्ध सिक्के इसकी जैवविविधता के परिचायक रहे है, भारत में इसके संरक्षण को सदैव महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, उन्होंने युवाओं को प्रकृति के प्रति सजक और संवेदनशील रहने की सलाह दी।
ऑक्सीजन टैक्स लगाना महत्वपूर्ण नवाचार रहा- कुलगुरू
अध्यक्षीय उद्बोधन देते विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि बायोडायवर्सिटी डे के उपलक्ष्य में कराई जा रही इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवाओं को बायोडायवर्सिटी के प्रति जागरूक करना और इसके संरक्षण के प्रति उन्हें सजग बनाने का है। उन्होंने कहा जब अन्य संस्थाओं से विद्यार्थी यहां आते हैं तो वे विश्वविद्यालय के बारे में और ज्ञान पायेंगे और उन्हें यहां संचालित होने वाले पाठ्यक्रम की जानकारी भी मिल जाएगी। विद्यार्थियों को जैवविविधता के संरक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय गत कुछ वर्षो से जैवविविधता के संरक्षण के लिए सजग है और ऑक्सीजन टैक्स लगाना महत्वपूर्ण नवाचार रहा है। गत वर्षों में विश्वविद्यालय परिसर में कई पौधों का रोपण किया गया है। विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है की वह इस विषय की गंभीरता को समझें और जैवविविधता के संरक्षण में योगदान दें।
जैवविविधता संरक्षण आज की सबसे बडी मांग- कुलानुशासक
कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने इस अवसर पर जैवविविधता के बारे में बताते हुए कहा कि जैवविविधता का संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी मांग है। आज के समय का बढ़ता हुआ तापमान हमें अधिक से अधिक पौधा रोपण करने की याद दिलाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विभाग को इस आयोजन के लिए बधाई दी और आगे भी इसी प्रकार प्रतियोगिता करने के लिए प्रेरित किया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया को यह एक अत्यंत सराहनीय प्रयास है और इससे निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को बायोडायवर्सिटी को संरक्षित करने की प्रेरणा मिलेगी और अधिक से अधिक विद्यार्थी विश्वविद्यालय को जान भी पाएंगे। इस अवसर पर प्रोफेसर उमा शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह, डॉक्टर रमण सोलंकी सहित विभाग के अन्य शिक्षक और कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिवी भसीन ने किया।