पश्चिम बंगाल जाएगी पुलिस, नागदा के युवक की तलाश रिमांड पर आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों को सिम बेचने वाला गिरोह
उज्जैन। आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों को सिम बेचने वाले गिरोह को बुधवार दोपहर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां से 31 मई तक रिमांड पर लिया गया है। गिरोह ने दर्जनों सिम पश्चिम बंगाल में बेची है। अब तक गिरोह के पांच सदस्यों से 13 एक्टिवेट और 43 अनएक्टिवेट सिम बरामद की जा चुकी है। गिरोह का एक सदस्य नागदा का रहने वाला है। जिसकी तलाश जारी है। एसपी शर्मा ने बताया कि फर्जी सिम गिरोह का मुख्य आरोपी ब्लैकमेलिंग में फरार आरोपी अभय तिरवार का रिश्तेदार है। नानाखेड़ा थाना पुलिस ने मंगलवार को तारामंडल के पास से न्यू इंदिरानगर में रहने वाले अक्षय पिता अजय तिरवार 22 वर्ष, सादिक पिता अली शेर खान 20 वर्ष निवासी ग्राम गुडवेल थाना कन्नौद जिला देवास, शेम महिबुल पिता शेख रसीद 35 वर्ष पाकुडिया मेतेला जिला वीरभूम पश्चिम बंगाल, बाबन पिता ताहिर खान 38 वर्ष रानी पत्थर बोनपतड़ा पश्चिम बंगाल और साजन पिता हारुन खान 24 वर्ष निवासी बिदाईपुर सूरी पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया था। जिनके पास से मोबाइल की 13 एक्टिवेट और 43 अनएक्टिवेट सिम बरामद की गई थी। गिरोह उक्त सिम आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों को मंहगे दाम में बेचते थे। सभी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 419, 420 के साथ 66 सी, 66 डी आईटी एक्ट का प्रकरण दर्ज किया गया। बुधवार दोपहर आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से 31 मई तक रिमांड पर लिया गया है। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आरोपी पूर्व में भी 70 सिम बेच चुके है। सिम लेने के लिये पश्चिम बंगाल के तीनों युवक उज्जैन आते थे। जिन्होने पूछताछ में मुख्य आरोपी अक्षय तिरवार से सिम खरीदना कबूल किया है। अक्षय नागदा में रहने वाले मोंटी सिम लेकर आता था। नानाखेड़ा टीआई नरेन्द्र यादव ने बताया कि उज्जैन से सिम खरीदने के बाद पश्चिम बंगाल के युवक मंहगे दाम पर आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों को बेच देते थे। रिमांड अवधि में उन्हे पश्चिम बंगाल लेकर एक टीम जाएगी। जहां से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।
कन्नौद का साजिद करता था एक्टिवेट
मामले का खुलासा होने पर सामने आया कि कन्नौद का रहने वाला साजिद सिम एक्टिवेट करने का काम करता था। उसने मोबाइल सिम पोर्ट करने की आईडी कंपनी से ले रखी है। उसके यहां सिम लगने और पोर्ट कराने वालों के आधार कार्ड और फोटो लेने के बाद उसकी कई फोटो क्लिक कर लेता था। एक सिम संबंधित को देता था। उसके बाद क्लिक किये गये आधार कार्ड और फोटो के आधार पर अक्षय तिरवार द्वारा दी जाने वाले सिम को एक्टिवेट कर देता था। एयरटेल की सिम एक्टिवेट करने में काफी आसानी रहती है। उसके नियम भी सरल है, जिसके चलते आसानी से सिम एक्टिवेट कर ली जाती थी।
कई जगह से खरीदी गई है सिम
पुलिस के अनुसार अक्षय तिरवार द्वारा कई जगह से सिम खरीदी गई है। पूछताछ में उससे अब तक खरीदी गई सिम के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों से संपर्क भी पता किया जा रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल के युवकों उसकी पहचान कैसे हुई, इसका पता लगाया जा रहा है। अपराधिक रिकार्ड की जानकारी भी जुटाई जा रही है।