शहर के छात्र संगठनों की बढ़ेगी सक्रियता, उच्च शिक्षा विभाग ने तैयार करना शुरू की गाइड लाइन

छात्रसंघ चुनाव की सुगबुगाहट….प्रस्ताव को पहनाया जाएगा अमली जामा

उज्जैन। शहर के छात्र संगठनों की अब जल्द ही सक्रियता ओर अधिक बढ़ने वाली है क्योंकि सूत्र यह बताते है कि प्रदेश के साथ ही उज्जैन में भी विश्व विद्यालय और कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली में होने वाले है।

 बताया गया है कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में गाइड लाइन भी तैयार करना शुरू कर दी है। गौरतलब है कि उज्जैन में भी कई छात्र संगठन है और इनके द्वारा प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मांग की जा रही है। यहां यह भी बता दें कि सीएम डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए चुनाव को लेकर प्रस्ताव तैयार किया था और इसे तत्कालीन सीएम को भी भेजा था लेकिन अब वे स्वयं सीएम है इसलिए उनके अपने प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया जा रहा है।

2017 के बाद  छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए

इस बार चुनाव की संभावना इसलिए है, क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए प्रस्ताव तैयार कराया था और मुख्यमंत्री को भेजा था। इस बार वे खुद मुख्यमंत्री हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव के बाद छात्रसंघ के चुनाव होने की पूरी संभावनाएं दिख रही हैं। इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मांग की है, ताकि निष्पक्ष नेता को चुना जा सके। बता दें, कि 2017 के बाद प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद विश्वविद्यालयों व कालेजों में इसकी तैयारियां शुरू होंगी।

चुनाव के लिए 15 दिन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चुनाव के लिए 15 दिन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।एबीवीवी के सदस्यों का कहना है कि 2017 में पिछली बार उच्च शिक्षा विभाग ने निजी और सरकारी महाविद्यालयों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए गए थे ।  इसको ना तो छात्र संगठन ने माना था और न ही तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने इसका समर्थन किया था।उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने को लेकर सरकार को पत्र भी लिखा था।प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में कालेज का कोई भी विद्यार्थी छात्रसंघ का चुनाव लड़ सकता है। प्रत्यक्ष प्रणाली में विश्वविद्यालय महाविद्यालय प्रत्येक विद्यार्थी अपने मन से अध्यक्ष का चुनाव करता है। वहीं विद्यार्थी क्लास का प्रतिनिधि चुनता है और वह प्रतिनिधि अध्यक्ष का चुनाव करता है।इसे अप्रत्यक्ष प्रणाली कहते हैं। इसमें छात्रसंघ चुनाव में मारपीट और उपद्रव अधिक होता है, इसलिए कई सालों से प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ के चुनाव बंद पड़े हैं।  विद्यार्थी परिषद का मानना है कि छात्रसंघ चुनाव होने से माहौल सकारात्मक बनता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अध्यक्ष का फोकस होता है। विद्यार्थियों की समस्याओं को अध्यक्ष या प्रतिनिधि दूर सकते हैं।इससे युवाओं में नेतृत्व की क्षमता भी विकसित होती है।