डीएवीवी के पास करोड़ों का हुआ कबाड़ इकट्ठा

 

नेक के दौरे के पूर्व करना होगा रवाना

इंदौर। देवी अहिलाय विश्वविद्यालय में इन दोनों 32 विभागों के साथ आईटी विभाग के कैंपस में करोड़ों का कबाड़ दिखाई दे रहा है। इसके पहले विश्वविद्यालय ने बमुश्किल मूल्यांकन केंद्र केंद्र से कई तरह का टेंडर नेपानगर को दिया था। इसके बाद धीरे-धीरे यहां से रेड्डी नेपानगर भिजवा दी गई। कुलपति रेणु जैन की नजर केवल रद्दी तक सीमित हो गई और देखते ही देखते करोड रुपए का कबाड़ परिसरों में दिखाई देने लगा। इस कबाड़ के कारण परिसरों की आदि जगह सालों से खराब हो रही है । वही आसपास काम करने वाले और रहने वाले कर्मचारियों को कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

इस लकड़ी और लोहे के कबाड़ के कारण दीमको का आतंक नजर आ रहा है, तो वहीं कई तरह के जमीन पर रहने वाले जानवर भी उसमें आए दिन निकलते हुए दिखाई देते हैं। इन सब अव्यवस्थाओं के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है ,तो वही कबाड़ खुले में रखकर बारिश का इंतजार भी किया जा रहा है। कई टन लोहा का कबाड़ इन दिनों आईईटी केंपस की खुली जमीन में भी देखा जा सकता है जो की बारिश आते ही पूरी तरह से सड़ जाएगा और विश्वविद्यालय को यहां एक और नुकसान हो जाएगा।

यदि विश्वविद्यालय प्रबंधन बारिश के पूर्व जल्द इन्हें हटाने का निर्णय नहीं लगा तो कबाड़ में मिलने वाली राशि भी हाथ से निकल जाएगी वहीं राजस्व को भी नुकसान होगा।  नेक के दौरे के लिए टीम भी आगामी माह में डीएवीवी आने वाली है। ऐसे में जिस तरह से केंपसो की हालत दिखाई दे रही है उससे कहीं ना कहीं इस हालत को देखकर टीम ना खुशी ही नजर आने वाली है। वहीं कई महीनो से कैंपस में जो झाड़ियां फैल रही है। वहीं पेड़ पौधे अस्त-व्यस्त हो रहे हैं। उसका भी किसी प्रकार का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है।