2 नंबर विधानसभा की मजबूती क्या फिर से दिलाएगी मंत्री पद ?

 

रमेश मेंदोला को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म

 

 

इंदौर। पिछले कई वर्षों से विधायक रमेश मेंदोला का नाम हर बार सरकार बनने पर मंत्री पद के लिए उछलता है और हर बार कहीं ना कहीं किसी कारणवश उनका नाम मंत्री पद की लिस्ट से कट जाता है। इस बार मोहन सरकार प्रदेश में स्थापित है और ऐसे में विधानसभा दो में मंत्री पद के लिए बेस्ट सशक्त दावेदार के रूप में भी शामिल है। विधायक रमेश मेंदोला के मंत्री पद के लिए सीधे मुख्यमंत्री मोहन यादव भी हस्तक्षेप कर सकते हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में यह बात देखी गई है कि इंदौर में ही राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई हर बार देखने को मिल रही है।

इधर कुछ लोग यहां चाहते हैं कि यदि रमेश मेंदोला मंत्री बनते हैं तो कैलाश विजयवर्गीय का भी वर्चस्व थोड़ा कहीं ना कहीं काम होगा इसलिए इस तरह की राजनीति सीधे मुख्यमंत्री को भी फायदा पहुंचाएगी । ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद संगठन पॉलिटिकल ऑडिट करेगा जिससे विधायकों और मंत्रियों की भूमिका की समीक्षा की जा सके।
इस पोलिटिकल ऑडिट के जरिए मंत्रियों कि संगठन के संदर्भ में उपयोगिता का पता लगाया जाएगा। जिन विधायकों और मंत्रियों के क्षेत्र में भाजपा पराजित होगी वहां के मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है।

वैसे भी संगठन चुनाव के बाद मतदान केंद्र के हिसाब से समीक्षा करता है। जाहिर है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव चुनाव के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। एक बार फिर रमेश मेंदोला को मंत्री बनाए जाने को लेकर इंदौर में जबरदस्त अटकलें हैं। माना जा रहा है कि उनकी विधानसभा से भाजपा प्रदेश में सबसे अधिक बढ़त लेगी। ऐसे में रमेश मेंदोला को शामिल किया जा सकता है। हालांकि इसमें एक दिक्कत यह है कि उनके राजनीतिक मार्गदर्शक कैलाश विजयवर्गीय खुद प्रदेश मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं। ऐसे में देखना होगा कि संगठन एक ही क्षेत्र के यानी नंदा नगर के दो नेताओं को मंत्रिमंडल में लेता है या नहीं ?