माधवी राजे सिंधिया की अस्थियां उज्जैन लाए शिप्रा के रामघाट पर नाव से किया विसर्जन- देवास गेट सख्या राजे धर्मशाला में आम दर्शन के लिए रखा कलश- नगर में निकाली गई कलश यात्रा, राजपरिवार से आए लोग शामिल
15 मई को दिल्ली में दिल्ली में हुआ
था निधन, तीसरा कलश उज्जैन आया
15 मई को राजमाता माधवी राजे सिंधिया का दिल्ली के एम्स में निधन हाे गया था। 16 मई को ग्वालियर में छत्री परिसर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। ग्वालियर से राजमाता माधवी राजे का दूसरा कलश शिंदे मंडली के सदस्य पांडु रंगा राव और महल के अधिकारी संग्राम सिंह कदम उज्जैन लेकर आए। यह माधवी राजे की अस्थियों का तीसरा कलश था।
माधवी राजे कई बार आई उज्जैन, शाही
सवारी का स्वागत भी कर चुकी है
माधवी राजे सिंधिया विभिन्न अवसरों पर कई बार उज्जैन आई। सिंधिया परिवार का उज्जैन से खास नाता रहा है। सिंधिया के सबसे मुख्य स्थल के रूप में यहां बीच शहर में गोपाल द्वारकाधीश गोपाल मंदिर बना है। बड़ी राजामाता से लेकर माधवराव सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी पत्नी व सिंधिया परिवार के प्रत्येक सदस्य इस मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आ चुके हैं। गोपाल मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया हर वर्ष परंपरा अनुसार महाकाल की शाही सवारी में स्वागत व पूजन के लिए सिंधिया परिवार का कोई एक सदस्य उज्जैन जरूर आता है तथा उनके द्वारा गोपाल मंदिर या रामघाट से पूजन किया जाता है। माधवी राजे सिंधिया भी महाकाल की शाही सवारी का पूजन कर चुकी है।