बैंककर्मी की लाश मिलने पर देखने पहुंचा था आरोपी लेनदेन में रस्सी से गला घोंटकर पत्थरों से कुचला था सिर
उज्जैन। निर्मम तरीके की गई बैंककर्मी की हत्या का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। शव मिलने के 6 घंटे बाद घर के पास रहने वाले युवक को पुलिस हिरासत में लिया उसने 2 साथियों के साथ हत्या करना कबूल कर लिया। सबसे चौकाने वाली बात यह रही कि सुबह शव मिलने के बाद हत्या का मुख्य आरोपी घटनास्थल पर भी दिखाई दिया था। घट्टिया तहसील के ग्राम बिछडोद में गुरूवार सुबह सुलियारोड पर नाले के पास लखन राठौर 26 वर्ष का शव मिलने पर पुलिस पहुंची थी। लखन के सिर को कुचला गया था, घटनास्थल के आसपास से 2 खून लगे पत्थर मिले थे। मृतक के भाई राहुल राठौर ने शिनाख्त करते हुए बताया था कि रात में अजय उर्फ भूरा बैरागी के साथ बाइक पर उज्जैन रोड की ओर गया था। कुछ देर बाद घर आकर मोबाइल चार्जिंग पर लगाया और बिना कुछ कहे नाग मंदिर की ओर चला गया। उसके बाद रातभर नहीं लौटा। पुलिस ने मौके पर ही मर्ग कायम करने के साथ हत्या का प्रकरण दर्ज किया। शव पोस्टमार्टम के लिये भेज आरोपियों का पता लगाने के लिये पड़ताल शुरू की। गांव वालों से पूछताछ शुरू की गई और जानकारी जुटाई गई कि आखिरी बार किसके साथ दिखाई दिया था। मृतक के दोस्तों से पूछताछ शुरू की गई। इस बीच पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर ही अंतिम संस्कार किये जाने की बात कहीं जाने लगी। उपपुलिस अधीक्षक भारतसिंह यादव, टीआई राधेश्याम चौहान ने परिजनों को जल्द गिरफ्तारी की बात कहीं और शव का अंतिम संस्कार करने को कहा। शाम 4-5 बजे के लगभग गांव में मृतक के घर के पास रहने वाले जितेन्द्र पिता बाबूदास बैरागी 23 वर्ष को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ शुरू की गई, उसने राजकुमार उर्फ राजू पिता सुरेश मारु 21 वर्ष और सुमित पिता संतोष बोडाना 18 वर्ष के साथ हत्या करना बता दिया।
चौथे युवक की सामने आ सकती है भूमिका
12 घंटे में हत्या के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर शुक्रवार दोपहर एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि घटनाक्रम में चौथे युवक की भूमिका को तलाश किया जा रहा है। फिलहाल हिरासत में आये तीन आरोपियों से सामने आया कि मृतक लखन यूको बैंक में प्रायवेट नौकरी करता था और ब्याज से रुपये देता था। कुछ महिनों ने पहले जितेन्द्र बैरागी ने ढाई लाख रुपये ब्याज पर उधार लिये थे। समय अधिक होने पर लखन रुपये लौटाने की बात कह रहा था। जिसके चलते जितेन्द्र ने उसकी हत्या का षडयंत्र रचा। उसने सुमित और राजकुमार को साथ मिलाया। घटना से पहले जितेन्द्र ने अपने दोनों साथियों को सुलिया रोड पर छोड़ा और पत्थर साथ रखने की बात कही। वहीं रस्सी लेकर आने को बोलकर चला गया। कुछ देर बाद वह लखन को लेनदेन की बात कहकर बाइक पर बैठाकर सुलियारोड पहुंचा। जहां बातचीत करने लगा। लखन ने जल्द रुपये लौटाने की बात कहीं और जाने लगा। उसी दौरान सुमित और राजकुमार को रस्सी दी और लखन के गले में डालने को कहा। दोनों ने रस्सी से गला घोंट दिया। उसके गिरते ही तीनों से पहले लाये पत्थर से उसका सिर कुचलना शुरू कर दिया। जिसके बाद अंधेरे में तीनों वहां से अपने घर लौट आये। खुलासे के बाद घट्टिया थाना टीआई राधेश्याम चौहान ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था। जहां से पांच दिनों की पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया है।
घटनास्थल पर भीड में खड़ा था जितेन्द्र
बुधवार रात 9 से 10 बजे के बीच हत्या करने के बाद तीनों आरोपी घर चले गये थे। उन्हे यकीन था कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पायेगी। गुरूवार ुसुबह लखन की लाश मिलने की खबर गांव में फैलते ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई थी। भीड़ के बीच जितेन्द्र भी पहुंचा था। सुमित और राजकुमार घर पर ही थे। दिनभर पुलिस पर जितेन्द्र नजर भी रख रहा था। जब पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के सामने आने पर उसे हिरासत में लिया तो पता चला कि वह घटनास्थल पर मौजूद था।