हिंदू धर्म न कभी खतरे में था न रहेगा : हिन्दू और हिंदुत्व विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद में खूब बोले दिग्विजय सिंह, पं.श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने किया था कश्मीर में धारा 370 लगाने का समर्थन
ब्रह्मास्त्र इंदौर। सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म न कभी खतरे में था और न कभी खतरे में रहेगा। देश में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सारे मुख्यमंत्री हिन्दू हैं, उसके बावजूद भी यदि हिन्दू धर्म आज खतरे में है तो उसके लिए हिंदुत्व जिम्मेदार है।
श्री सिंह स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा हिन्दू और हिंदुत्व विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद को संबोधित कर रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान में वर्षों तक मुस्लिमों और ब्रिटिशों का राज रहा और भी कई धर्म आए लेकिन सनातनी हिन्दू धर्म पर कभी खतरा नहीं आया। आज हिंदुत्व के नाम पर देशवासियों का रक्तचाप बढ़या जा रहा है। हिंदुत्व का एकमात्र लक्ष्य हो गया है कि समाज में किस तरह कटुता और धर्मान्धता फैलाई जाए।उन्होंने कहा कि आज राजधर्म की जरूरत है। गुजरात में दंगों के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेन्द्र मोदी को राजधर्म निभाने की सलाह दी थी, उस सलाह पर अमल किया होता तो देश के हालात आज कुछ और होते।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने 1923 में लिखी अपनी पुस्तक में जिक्र किया था कि हिंदुत्व का हिन्दू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। पिछले दिनों जब मैंने ये बात कही तो मुझे ट्रोल किया गया, आज मैं इस कार्यक्रम में यह पुस्तक लेकर हाज़िर हुआ हूँ। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग किया जा रहा है और मनमानी थोपी जा रही है जबकि धर्म आस्था का प्रश्न है। उन्होंने बताया कि श्यामाचरण मुखर्जी ने पंडित जवाहर लाल नेहरु की कैबिनेट में रहते हुए कश्मीर में धारा 370 लागू करने वाले फैसले का समर्थन किया था। इस फैसले में पं. मुखर्जी की सहमति थी। उन्होंने बताया कि आजादी से पहले हिन्दू महासभा, आर.एस.एस. के नेता गुरुजी गोलवलकर, डॉ. हेडगेवार, विनायक दामोदर सावरकर आदि ने हिन्दू समाज की अगुवाई की और मोहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व किया। इन लोगों ने आजादी की लड़ाई में कभी भी महात्मा गांधी का साथ नहीं दिया बल्कि ये लोग ब्रिटिश हुकूमत के साथ चलते रहे।
अंत में श्री सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी से बेहतर कोई हिन्दू इस देश में नहीं था और उनके पैर छूने के बहाने उनकी हत्या करने वाला हिंदुत्ववादी था। यही आज के परिसंवाद का सार है।
विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ अभिभाषक एवं विचारक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दू एक व्यापक शब्द है जिसे हिंदुत्व के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता। आज के दौर में हिन्दू धर्म के तथाकथित कर्णधारों ने स्वयं को जेड प्लस सुरक्षा में कैद कर लिया है जबकि एक वक्त था जब हम जैसे साधारण कार्यकर्ता शंकराचार्य से बड़ी आसानी और इत्मिनान से मिल आए थे। दुर्भाग्य है कि आज के दौर में हिन्दू शब्द की व्याख्या अपने मुताबिक की जा रही है।
सतर्क रही पुलिस
इंदौर। हिन्दू और हिंदुत्व मुद्दे पर आयोजित परिसंवाद के दरमियान इंदौर पुलिस अलर्ट पर रही। बजरंग दल की स्थानीय इकाई द्वारा किए गए विरोध की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। विजयनगर, लसूड़िया व एमआईजी थाने के पुलिस बल को कार्यक्रम स्थल और आस-पास के क्षेत्र में तैनात कर दिया गया था।