6 दिनों में अस्पताल में पहुंचे 1447 मरीज

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सुसनेर। एक सप्ताह से तेजी से मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण लोग वायरल इंफेक्शन से पीड़ित होने लगे हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बुखार, सर्दी खांसी, उल्टी-दस्त, घबराहट, यूरीन इंफेक्शन, एलर्जी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अस्पताल की ओपीडी में लंबी कतार लग रही है। सिविल अस्पताल सीबीएमओं डॉ.राजीव बरसेना के अनुसार चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार के साथ मरीजों को धूप से बचाव और सतर्क रहने की ताकीद दी जा रही है। रोगियों को लू से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहने, भूखे पेट धूप में न निकलने, धूप में जाने से पहले सिर और कान पर गमछा, टोपी आदि से ढकने सहित अन्य सलाह दी जा रही है।
सिविल अस्पताल सुसनेर की ओपीडी में पिछले 6 दिन में 1447 मरीज पहुंचे। इसमें से 60 प्रतिशत वायरल की चपेट में आए हुवें थें। स्थिति यह है कि अस्पताल में बेड की कमी के चलते वार्ड में एक बेड पर दो मरीजों को रखकर इलाज करना पड़ रहा है। यहां लगे पंखे भी गर्म हवा फेंक रहे जिसके चलते कूलर की व्यवस्था की गई है एक सप्ताह पूर्व जहां वायरल इंफेक्शन के 30 से 35 प्रतिशत मरीज पहुंच रहे थे, वे अब बढ़कर 60 से 65 प्रतिशत के भी पार होने लगे है। स्थिति यह है कि 23 मई को अवकाश के बाद दूसरे दिन अस्पताल खुलने से 339 मरीज पहुंचे। इसमें वायरल के 200 मरीज दर्ज हुए थे। हालात यह है कि पिछले 2 दिनों से अस्पताल में 300 से अधिक मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे है। डॉक्टरों की माने तो बदलते मौसम का सबसे अधिक प्रभाव कम प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण वृद्ध व बच्चों पर हो रहा है।
तेज धूप व मौसम बनी वजह
डॉ.राजीव कुमार बरसेना सीबीएमओं सिविल अस्पताल सुसनेर के अनुसार मोसम में अचानक बदलाव मोसमी बिमारियों की वजह है। कभी चिलचिलाती तेज धूप तो कभी अचानक बादल छाने के कारण कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग जल्दी मोसमी बिमारियों की चपेट में आ जाते है। जिससे सर्दी,खासी,बुखार के मरीज बढ़ रहे है। बीमारी से बचाव के लिए लोगो को सावधानी रखने की सलाह दी जा रही है। बरसेना ने सभी लोगो से अपील की है वे थोडे से भी बीमारी के लक्षण दिखने पर सिविल अस्पताल में पहुंचे। बगैर डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाईयां ना ले।