खुसूर-फुसूर जिला मुखिया ने विद्युत कंपनी की उदासीनता दूर की
दैनिक अवंतिका उज्जैन खुसूर-फुसूर
जिला मुखिया ने विद्युत कंपनी की उदासीनता दूर की
विद्युत कंपनी में आम उपभोक्ता को कुछ समझा ही नहीं जा रहा था। उपभोक्ता से पैसा पूरा और उसकी समस्या निदान को लेकर कोई रूचि नहीं की स्थिति फिल्ड में सामने आ रही थी। उपभोक्ता की शिकायत पर कई –कई घंटों बाद ठेके के आदमी पहुंच रहे थे। इस भीषण गर्मी में उपभोक्ता किसे फोन लगाए यह भी प्रश्न था। हेल्प लाईन नंबर 1912 ही मुसीबत का घर बनकर रह गई थी। अव्वल तो यह नंबर कई प्रयासों के बाद लगता और कभी कभी तो लगता ही नहीं था। रात में तो यह नंबर लगाना यानिकी जीवन का सार निकालने जैसा हालिया दिनों में हो गया था। चाहे जब लाईट जा रही थी चाहे जब आ रही थी। कोई पूछने बोलने वाला माई बाप नहीं था। जिला प्रशासन के मुखिया के कानों तक ऐसे कई मामले पहुंचे और उन्होंने लापरवाही करने वाले विद्युत कंपनी के जेई तक को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कंपनी के कर्मचारियों की कार्यपद्धति में सुधार दिखाई नहीं दे रहा था। प्रशासन के मुखिया ने इन हालातों को देखते हुए अंतत: व्यवस्था को कसौटी पर ले लिया और इसके बाद उपभोकताओं के हितों के लिए पहला निर्देश ही कंपनी के अधिकारियों को उज्जैन शहर में जोनवार समस्या निदान केंद्र चलाने का दिया। यही नहीं अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांग लिया। प्रशासनिक मुखिया ने एक्शन शुरू किया तो कंपनी के अधिकारियों की उदासीनता दूर और हालात काबू में आ गए। एक ही दिन में शहर के सभी 9 जोन में समस्या निदान केंद्र बनाम लोकल लेवल काल सेंटर शुरू हो गए। विद्युत कंपनी के उपर से लेकर नीचे तक की व्यवस्था में जिला प्रशासन के मुखिया ने करंट प्रवाहित कर दिया है। खुसूर-फुसूर है कि कंपनी में आधे से ज्यादा काम ठेके की दुकान से चल रहा है। अधिकारी नियमानुसार इनसे काम नहीं ले पा रहे हैं। इसके पीछे अंदर ही अंदर बहुत सा रायता फैला हुआ है। ठेकेदार के साथ अपन्त्व का भाव ज्यादा है कागज में ठेके के कर्मचारी ज्यादा और फील्ड में कम है । ऐसे में प्रशासनिक मुखिया ने इनकी नब्ज पकड कर उचित ईलाज कर पूरी उदासीनता दूर कर आम उपभोक्ता को राहत दी है। आम उपभोक्ता मुखिया को साधूवाद दे रहा है।