कुएं-बावड़ियों की सफाई को लेकर नहीं चला अभियान
सारंगपुर। जल स्त्रोतों के संरक्षण को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विकासखंड या जिलास्तर पर किसी तरह का कोई कुएं-बावड़ियों की सफाई का वृहद स्तर पर कोई भी अभियान नहीं चलाया जा सका हैै। वहीं फूटे तालाबों, टूटे बांधों को सुधारने को लेकर कोई पहल नहीं की गई।
बीते कुछ वर्षों से विकासखंड में भू- जल स्तर लगातार कम हो रहा है। इस वर्ष भी करीब डेढ़ मीटर नीचे जल स्तर चला गया है। वॉटर रिर्चाजिंग पीट, बिल्डिंगों में वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम, मकान निर्माण अनुमतियों में दो पौधे लगाने के नियम का पालन जैसे महत्वपूर्ण नियमों के पालन को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
शहर में रेलवे स्टेशन के सामने और रानी रुपमति के छोटे-छोटे तालाबों में जमा पानी का संरक्षण नहीं लिया जाता है।
यह तालाब आसपास के भू-जल स्तर को बनाए रखने में मददरगार बन सकते हैं। तालाब का निर्माण जल संरक्षण के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन बगैर प्लानिंग के विकास के क्रियान्वयन में इस तालाबो का पानी को शहर के नाले-नालियों के माध्यम से बह जाताह है। यहां का पानी किसी भी उपयोग में नहीं आ पाता है। यहां पर भले ही पानी उपयोग में नहीं आता हो, लेकिन भू-जल स्तर को बनाए रखने में इसकी भूमिका बन सकती है।