उ.प्र.-दिल्ली एनसीआर से उज्जैन लाई राज्य सायबर सेल आॅनलाइन फ्रॉड करने वालों को कमीशन पर देते थे बैंक खाते
उज्जैन। आॅनलाइन फ्रॉड करने वाले आरोपियों की तलाश में लगी राज्य सायबर सेल की टीम ने कमीशन पर बैंक खाते उपलब्ध करने वाले 3 आरोपियों को उत्तरप्रदेश और दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार किया है। फ्रॉड करने वालों के नाम सामने आये है। जिनकी तलाश की जा रही है। दिसंबर 2022 में एमपीईबी से सेवानिवृत्त इंजीनियर के साथ 5.97 लाख की आॅनलाइन धोखाधड़ी हो गई थी। राज्य सायबर सेल तक मामला पहुंचने के बाद उज्जैन जोन पुलिस अधीक्षक डॉ. रश्मि खर्या ने आरोपियों की तलाश के लिये टीम गठित की थी। जांच के दौरान जिन खातों में राशि ट्रांसफर हुई थी, उनका सुराग लगतार तलाश जा रहा था। बैंक खाते उत्तरप्रदेश गाजियाबाद के चंदौसी और दिल्ली एनसीआर में रहने वालों के सामने आये थे। लंबे समय तक तलाश करने के बाद पुख्ता जानकारी मिलने पर कुछ दिन पहले राज्य सायबर सेल के निरीक्षक आरडी कानवा, अमित परिहार, देवराजसिंह रावत, मोहनसिंह सौलंकी, उपनिरीक्षक सत्येन्द्रसिहं और सहायक उपनिरीक्षक हरेन्द्रपालसिंह राठौर की टीम को रवाना किया गया। चार दिनों की तलाश के बाद बैंक खाताधारक आकाश पिता मुन्नालाल शर्मा निवासी मोहल्ला महाजन चंदौसी, विभु उर्फ आदित्य पिता विनीत वार्ष्णेय मोती मोहल्ला और पवन पिता स्व. विनोद वार्ष्णेय निवासी चंदौसी उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार किया। तीनों को उज्जैन लाया गया, जहां न्यायालय से रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की गई। तीनों ने 5 प्रतिशत कमीशन पर अपने खाते आॅनलाइन फ्रॉड करने वाले विवेक तोमर और फैजान को देना बताया। दोनों इनके खातों का उपयोग कर फ्रॉड की गई राशि ट्रांसफर करते थे और बाद में गगूल पे यूपीआई के माध्यम से वापस ले लेते थे। एक लाख खाते में आने पर तीनों को 5 हजार कमीशन देते थे। राशि अधिक होने पर कमीशन की राशि बढ़ जाती थी। राज्य सायबर सेल पुलिस अधीक्षक डॉ. रश्मि ने बताया कि तीनों की रिमांड खत्म होने पर बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया है। के्रडिट कार्ड रिवार्ड पाइंट बढ़ाने का दिया था झांसा राज्य सायबर सेल टीम ने बताया कि दिसंबर 2022 में एमपीईबी के सेवानिवृत्त इंजीनियर केएल मलिक निवासी ऋषिनगर के पास मोबाइल पर कॉल आया था। उनसे कहा गया कि के्रडिट कार्ड और बैंक खाते पर रिवार्ड पाइंट और केशबैक दिया जा रहा है। उनसे क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते की पूरी डिटेल प्राप्त कर ली गई और मोबाइल पर आये विभिन्न ओटीपी ले लिये गये। उसके बाद सेवानिवृत्त इंजीनियर के एचडीएफसी बैंक खाते और के्रडिट कार्ड से 10 हजार और 40 हजार की राशि ट्रांसफर कर ली गई। फ्रॉड करने वालों ने क्रेडिट कार्ड की डिटेल चैक की। जिस पर लोन भी मिल रहा था। फ्रॉड करने वालों ने क्रेडिट कार्ड पर 4 लाख 2 हजार 750 का लोन भी निकाल लिया। जो इंजीनियर के खाते में मंगवाया गया और बाद में खाते से निकाल लिया। सेवानिवृत्त इंजीनियर के साथ 5.97 लाख की धोखाधड़ी की गई थी।
राज्य सायबर सेल की एडवाइजरी
आॅनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सायबर सेल द्वारा एडवाइजरी जारी की गई।
1-किसी मैसेज पर विश्वास नहीं करें।
2-बैंक संबंध में कोई भी मैसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर जानकारी प्राप्त करें।
3-रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट किसी के कहने पर इंस्टाल नहीं करें।
4-फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन नहीं करें।
5-वाईस चेंजर एप से सावधान रहे, किसी भी नये नबंर से आई आवाज पर विश्वास ना करें।
6-अपनी निजी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करें।
7-आॅनलाइन पार्ट टाइम जॉब, आॅनलाइन टास्क, फर्जी शेयर मार्केट एप से सतर्क रहें, किसी बैंक खाते में रूपये जमा नहीं करें।
8-पुलिस अथवा जांच एजेंसियों द्वारा आॅनलाइन वीडियो कॉल पर किसी की गिरफ्तारी नहीं की जाती है, फर्जी कॉल से सावधान रहें।