एमबीए पेपर लीक कांड में की कार्यवाही में होगी लीपापोती

 

डिप्टी रजिस्ट्रार के मामले में कुलपति ने साधी चुप्पी

 

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एमबीए पेपर लीक कांड में कार्रवाई के दौरान लीपापोती हो सकती है। दरअसल कुलपति रेणु जैन जब से विश्वविद्यालय की कमान संभाले हुए हैं तभी से कोई ना कोई बड़ा बवाल सामने आया ही है।

अपने लगातार दूसरे कार्यकाल में भी असक्षम ही नजर आ रही है। विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं की प्रेस पेपर छपाई के लिए वर्षों से स्थापित की गई है।
इसके कमान अजय तिवारी को वर्षों से सोप रखी है, तो वही कई आउटसोर्स के कर्मचारी भी इन कामों के लिए लगाए गए हैं। जिस तरह से 2 दिन पहले पेपर लीक होने की घटना सामने आई है।
उससे जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर की बड़ी लापरवाही इस मामले में रही है।
उन्होंने कभी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कोई औचक निरीक्षण नहीं किया और ना ही कभी इस प्रक्रिया को लेकर सुध ली।
इस गोपनीय कार्य के लिए कई अचूक परिवर्तन भी वर्षों से होना है।

इसके बावजूद भी इस पर कुलपति ने आज तक कोई संज्ञा नहीं लिया गया।अब ऐसा लगता है कि इस पूरे मामले में जो कमेटी बनाई गई है उसमें छोटे कर्मचारियों को तो हटा दिया जाएगा ,परंतु डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर को इस पूरे मामले में बचाया जा सकता है।
कुछ वर्षों पहले डीएवीवी के पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार आर.के. बघेल के समय भी एक पेपर लीक होने का कांड सामने आया था, परंतु वह सही नहीं पाया गया।
इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उन्हें इस जिम्मेदारी से हटा दिया था। आज सवाल यहां उठता है कि जब पेपर लीक होना सही पाया गया तो सर्वप्रथम डिप्टी रजिस्ट्रार को इस स्थान से क्यों नहीं हटाया गया है?
उनके रहते हुए हो सकता है कि होने वाली जांच भी प्रभावित हो जाए।