करोड़ों का गबन, 6 वर्ष बाद घोटालेबाज तीन डाॅक्टरों पर एफआईआर

 

इंदौर। नाक, कान और गला विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कांफ्रेंस में करोड़ों रुपयों का गबन मामले में तिलकनगर पुलिस ने तीन डाक्टरों पर धोखाधड़ी, हेराफेरी की एफआईआर दर्ज की है। वर्ष 2017-18 में हुए इस गबन को लेकर डाक्टरों ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

पुलिस के मुताबिक ईएनटी विशेषज्ञों के एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2018 में राष्ट्रीय कांफ्रेंस एओआईकान-2018 का आयोजन ब्रिलियंट कंवेंशन सेंटर में किया था। इसमें भाग लेने वाले सभी डाक्टरों ने रजिस्ट्रेशन फीस दी थी और मेडिकल कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में विज्ञापन दिए गए थे।

संस्था द्वारा एसबीआई (एमवाय) में अधिकृत खाता खुलवाया और उसमें ही राशि जमा करवाई गई। आरोपी डा. संजय अग्रवाल (तत्कालीन अध्यक्ष) ने वित्तीय अनियमिता के उद्देश्य से कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक में समानांतर बैंक खाता खुलवाया और उसमें बड़ी मात्रा में राशि जमा करवाई।
कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात नए पदाधिकारियों को भी जानकारी नहीं दी और दोनों खाते बंद करवा दिए। आडिट रिपोर्ट और टीडीएस से गबन की जानकारी मिलने पर मनभावन नगर निवासी डा. प्रकाश तारे और स्वर्ण वाटिका निवासी डा. राहिल निदान ने आरोपी डा. शैलेंद्र ओहरी निवासी मनोरमागंज, डा. विशाल कनवंल मुंजाल निवासी तुकोगंज, डा. संजय अग्रवाल निवासी मनोरमागंज के विरुद्ध पिछले साल अप्रैल में तिलकनगर थाने में शिकायत की लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मामले में जिला कोर्ट में परिवार दायर कर दावा किया गया कि आरोपी तीनों डाक्टरों द्वारा समानांतर बैंक खातों का उपयोग किया गया है।

समानांतर खाते खोलकर निकाल लिए करोड़ों रुपए

निजी कंपनी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोटक महिंद्रा से 1 करोड़ 60 लाख 30 हजार और एचडीएफसी बैंक से 4 करोड़ 57 लाख रुपये निकाले गए हैं।
एक अन्य एचडीएफसी के खाते से भी 1 करोड़ 54 लाख रुपये निकाले हैं। करीब 2 करोड़ रुपये अन्य खातों से चेक द्वारा निकाले गए हैं। कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रत्युष चतुर्वेदी ने धारा 156(3) के तहत आदेश जारी किए जिसके बाद पुलिस ने तीनों डाक्टरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली।