अब बच्चों की माताएं भी मध्यांह भोजन का निरीक्षण करेंगी

-16जून से पहले मध्यांह भोजन किचनों की साफ-सफाई,पुताई होगी

 

-प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पीएम पोषण के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में सबक याद कराया

 

उज्जैन। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत समस्त शासकीय, प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं एवं मदरसों में विद्यार्थियों को पका हुआ गर्म एवं रूचिकर भोजन निर्धारित मेनु अनुसार प्रदाय किया जायेगा। यही नहीं बच्चों की माताएं भी भोजन का निरीक्षण करेंगी। गरीब भी कर सकेगा निरीक्षणयह निर्देश जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं सर्वशिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक को दिये हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 जून से शैक्षणिक दिवसों के आधार पर प्रत्येक लक्षित शालाओं में विद्यार्थियों को निर्धारित साप्ताहिक मेनु अनुसार गर्म एवं रूचिकर व स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसी क्रम में यह निर्देश दिए गए हैं।

सत्र की शुरूआत से पहले ये होंगी तैयारी-

जारी आदेश के अनुसार शैक्षणिक सत्र 16 जून 2024 से प्रारम्‍भ होने के पूर्व शाला परिसर, किचन शेड की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्थाएं करायें। किचन शेड की पुताई करायें। किचन शेड अथवा शाला भवन की बाहरी दीवार पर मेनु, योजना का मोनो, सीएम हेल्पलाइन नम्बर 181, स्व-सहायता समूह का नाम, समूह के सदस्यों का नाम, रसोईया का नाम, डॉक्टर का नाम तथा मोबाइल नम्बर अनिवार्यत: सहज दृश्य स्थान पर पेंट करायें। भोजन वितरण में शालाओं में जातिगत एवं अन्य किसी भी प्रकार के भेदभाव न हो, यह भी सुनिश्चित करें। शालाओं में खाना बनाने वाले, परोसने एवं वितरण वाले बर्तनों की साफ-सफाई की व्यवस्था करायें। भोजन संरक्षण किये जाने वाले डिब्बे, कंटेनर आदि को सुव्यवस्थित कराये जाने की व्यवस्था, शाला में पूर्व माहों का किसी भी प्रकार का सूखा खाद्य पदार्थ संरक्षित किया गया है, को हटा दिया जाये। खाद्य पदार्थ उच्च गुणवत्तायुक्त एवं एगमार्ग ब्राण्ड वाले होना चाहिये।

उज्जैन शहरी क्षेत्र में ये होगा-

उज्जैन शहरी क्षेत्र में केंद्रीयकृत किचन शेड अन्तर्गत संचालित युनिट की साफ-सफाई एवं अन्य आवश्यक तैयारी हेतु संचालनकर्ता संस्था को निर्देश जारी किया जाये। भोजन का वितरण नियमित एवं सुचारू रूप से संचालित हो। किसी भी स्कूल में तीन दिवस या महीने में पांच दिवस भोजन प्रदाय नहीं किया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी तय की जाये एवं दोषी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये।

प्रतिमाह 5 तारीख तक भेजे जानकारी-

विद्यालय या क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा उचित मूल्य की दुकान से उठाये गये खाद्यान्न की एवं पीएम पोषण पोर्टल के माध्यम से प्राप्त भोजन पकाने की लागत राशि के उपयोग की विकास खण्डवार मासिक जानकारी प्रतिमाह पांच तारीख तक जिले में अनिवार्यत: प्रेषित की जाये, ताकि एकजाई जानकारी राज्य स्तर पर भेजी जा सके।

भोजन का सेंपल सीलबंद टिफिन में 24 घंटे रखा जाए-

जिन शालाओं में किन्हीं कारणों से स्व-सहायता समूहों को भोजन वितरण कार्य से विधिवत पृथक किया गया हो, उन शालाओं में एनआरएलएम/एसआरएलएम कंप्लाइंट स्व-सहायता समूह को नियमानुसार पीएम पोषण वितरण कार्य दिया जाये। प्रत्येक शाला में चौबीस घंटे हेतु भोजन का सेम्पल सीलबंद टिफिन में स्कूल प्रबंधन की निगरानी में सुरक्षित रखा जाये। किसी भी स्थिति में शालाओं में दूषित भोजन वितरण न हो, यह सुनिश्चित करें। भोजन की गुणवत्ता निरीक्षण पीएम पोषण अन्तर्गत शाला में भोजन बनाने वाले रसोईया या स्व-सहायता समूह द्वारा भोजन प्रदाय/वितरण के पूर्व भोजन की गुणवत्ता शिक्षक द्वारा चेक करने एवं चखने के उपरांत ही विद्यार्थियों को वितरित किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

बच्चों की माताएं भी निरीक्षण करेंगी-

इस सम्बन्ध में प्रतिदिन जिम्मेदारी निर्धारित कर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाये और शाला स्तर पर पंजी का संधारण भी किया जाये। छात्रों की माताओं का रोस्टर बनाकर प्रतिदिन रोस्टर अनुसार भोजन निरीक्षण हेतु शाला में आमंत्रित करें। इसके अतिरिक्त अन्त्योदय कार्डधारी निराश्रित व्यक्ति चिन्हित कर उन्हें भी भोजन निरीक्षण हेतु प्रतिदिन शाला में आमंत्रित करें। इसकी भी पंजी का संधारण किया जाये। योजना अन्तर्गत भोजन वितरण हेतु प्राप्त होने वाली राशि एवं खाद्यान्न की जानकारी शालाओं में विकास खण्ड स्तर पर प्राप्त कर एमआईएस पोर्टल पर प्रतिमाह पांच तारीख के पूर्व डाटा इंट्री कराई जाना सुनिश्चित करें।

इनके साथ ही पूर्व निर्देशों का पालन भी हो-

उपरोक्त निर्देशों के साथ भारत सरकार एवं राज्य स्तर से समय-समय पर जारी पीएम पोषण की गाईड लाइन/नियम-निर्देशों से समस्त सम्बन्धित संस्था, प्रधान, शिक्षक, क्रियान्वयन एजेन्सी को अवगत कराते हुए तदनुसार निर्देशों का पालन कराया जाना सुनिश्चित करें।