धुएं के छल्ले उड़ाने में उज्जैन संभाग की युवतियां भी नहीं है पीछे
धूम्रपान की लत का सबसे बड़ा कारण कॉलेज में स्वयं को कूल और स्टाइलिश दिखाना
उज्जैन। सिगरेट और बीड़ी जैसा नशा करने में उज्जैन संभाग की लड़कियां भी पीछे नहीं है। यह जानकारी एक सर्वे में सामने आई है। इनमें मध्यप्रदेश के चार महा नगरों के साथ ही उज्जैन संभाग जैसा धार्मिक संभाग भी शामिल है। दरअसल बीड़ी या सिगरेट पीने में उज्जैन की लड़कियों की संख्या तो ज्यादा है ही वहीं बाहर से आकर यहां पढ़ाई करने वाली लड़कियों
की संख्या शहरी लड़कियों की संख्या से कहीं ज्यादा है। युवाओं में धुम्रपान की लत का सबसे बड़ा कारण कॉलेज में स्वयं को कूल और स्टाइलिश दिखाना है। बाद में भले ही इसका परिणाम विपरीत रूप से सामने क्यों न आए।
की संख्या शहरी लड़कियों की संख्या से कहीं ज्यादा है। युवाओं में धुम्रपान की लत का सबसे बड़ा कारण कॉलेज में स्वयं को कूल और स्टाइलिश दिखाना है। बाद में भले ही इसका परिणाम विपरीत रूप से सामने क्यों न आए।
सर्वे में बेहद चौकाने वाले खुलासे
आधुनिकता की चकाचौंध और पाश्चात्य संस्कृति से अब उज्जैन सहित
मप्र की लड़कियां भी बगैर प्रभावित हुए नहीं रह पा रही हैं। इसका परिणाम है कि लड़कियों में ध्रूमपान की लत तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर एक किए गए सर्वे में बेहद चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनमें बताया गया है कि महज बीते तीन साल में ही सिगरेट पीने वाली लड़कियों की संख्या बढक़र 9.3 फीसदी से अधिक हो गई है। इसमें भी अहम बात यह है कि सिगरेट की अपेक्षा लड़कियों में बीड़ी पीने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बीड़ी पीने वाली लड़कियों की संख्या में 13.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक हालत यह है कि प्रदेश में हर 100 में से 20 लड़कियां सिगरेट की लत की शिकार हैं, जबकि इन्हीं 100 में से 11 से अधिक लड़कियां बीड़ी पीती हैं। ऐसा नही है कि लड़कियों में सिर्फ बीड़ी और सिगरेट पीने की लत ही तेजी से नहीं बढ़ रही है , बल्कि उनमें शराब और दूसरे ड्रग्स का सेवन करने की लत भी तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश में 25 फीसदी युवा लडक़े पहले से ही नशे की चपेट में थे। अब लड़कियां भी नशे के मामले में लड़कों के बराबरी पर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहली बार कराए गए सर्वे में एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि औसतन सात साल की उम्र में ही मध्यप्रदेश में लड़कियां सिगरेट या बीड़ी पीना सीख जाती हैं। इसमें भी शहरी लड़कियों में यह लत तेजी से बढ़ रही है। इसी तरह से अब युवाओं में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की लत भी तेजी से बढ़ती जा रही है। अभी प्रदेश में इस तरह की सिगरेट पीने वालों का आंकड़ा 4.7 हैं। लड़कियों में बढ़ती स्मोकिंग की लत के यह आंकड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किए है। यह आंकड़े देश में 987 स्कूल के 97,302 विद्यार्थियों और प्रदेश में 34 स्कूल के 2,979 विद्यार्थियों के ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के बाद जारी किए हैं। इस सर्वे में देश के 544 सरकारी और 433 निजी स्कूल शामिल किए गए थे। सर्वे 13 से 15 वर्ष के बच्चों के बीच किया गया। जिसमें देश के 80.772 बच्चे और प्रदेश के 2,490 बच्चों को शामिल किया गया है।
मप्र की लड़कियां भी बगैर प्रभावित हुए नहीं रह पा रही हैं। इसका परिणाम है कि लड़कियों में ध्रूमपान की लत तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर एक किए गए सर्वे में बेहद चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनमें बताया गया है कि महज बीते तीन साल में ही सिगरेट पीने वाली लड़कियों की संख्या बढक़र 9.3 फीसदी से अधिक हो गई है। इसमें भी अहम बात यह है कि सिगरेट की अपेक्षा लड़कियों में बीड़ी पीने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बीड़ी पीने वाली लड़कियों की संख्या में 13.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक हालत यह है कि प्रदेश में हर 100 में से 20 लड़कियां सिगरेट की लत की शिकार हैं, जबकि इन्हीं 100 में से 11 से अधिक लड़कियां बीड़ी पीती हैं। ऐसा नही है कि लड़कियों में सिर्फ बीड़ी और सिगरेट पीने की लत ही तेजी से नहीं बढ़ रही है , बल्कि उनमें शराब और दूसरे ड्रग्स का सेवन करने की लत भी तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश में 25 फीसदी युवा लडक़े पहले से ही नशे की चपेट में थे। अब लड़कियां भी नशे के मामले में लड़कों के बराबरी पर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहली बार कराए गए सर्वे में एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि औसतन सात साल की उम्र में ही मध्यप्रदेश में लड़कियां सिगरेट या बीड़ी पीना सीख जाती हैं। इसमें भी शहरी लड़कियों में यह लत तेजी से बढ़ रही है। इसी तरह से अब युवाओं में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की लत भी तेजी से बढ़ती जा रही है। अभी प्रदेश में इस तरह की सिगरेट पीने वालों का आंकड़ा 4.7 हैं। लड़कियों में बढ़ती स्मोकिंग की लत के यह आंकड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किए है। यह आंकड़े देश में 987 स्कूल के 97,302 विद्यार्थियों और प्रदेश में 34 स्कूल के 2,979 विद्यार्थियों के ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के बाद जारी किए हैं। इस सर्वे में देश के 544 सरकारी और 433 निजी स्कूल शामिल किए गए थे। सर्वे 13 से 15 वर्ष के बच्चों के बीच किया गया। जिसमें देश के 80.772 बच्चे और प्रदेश के 2,490 बच्चों को शामिल किया गया है।