5 घंटे तक तीन थाना क्षेत्रों में तलाशी गई चायना डोर
उज्जैन। आखिरकार जिस बात का खतरा बना हुआ था, वह शनिवार को हो गया। चायना डोर से छात्रा की मौत के बाद पुलिस टीम बनाकर चायना डोर की तलाश में निकल पड़ी। जबकि अधिकांश करोबार 2 दिन पहले ही हो चुका था।
जीरो पाइंट ब्रिज पर दोपहर 12.30 बजे के आसपास ज्ञान सागर गल्र्स स्कूल में पढऩे वाली 11 वीं की छात्रा नेहा पिता उमेश आंजना 20 वर्ष निवासी जगोटी हाल मुकाम इंदिरानगर का चायना डोर से गला कट गया। छात्रा को अस्पताल पहुंचाया जाता खून अधिक बहने से उसकी मौत हो गई। बड़ा हादसा होने पर पूरा पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। एएसपी डॉ. रविन्द्र वर्मा के साथ माधवनगर और देवास थाना पुलिस अस्पताल पहुंच गई। एएसपी वर्मा ने चायना डोर से पतंग उड़ाने वाले का सुराग तलाश कर कार्रवाई की बात कहीं। शाम ढलने से पहले सीएसपी पल्लवी शुक्ला चायना डोर बेचने वालों की धरपकड़ के लिये तीन थानों की पुलिस और टीआई के साथ निकल पड़ी। तोपखाना क्षेत्र में 4 घंटे तक सर्चिंग की गई, लेकिन घातक डोर का सुराग नहीं लग पाया। खाराकुआं थाना क्षेत्र में चली सर्चिंग के दौरान छत्री चौक पर हनुमान मंदिर के पीछे केजीएम पाइंट पर दबिश दी गई। जहां से मुन्ना उर्फ आयुब को चायना डोर की 62 चकरी के साथ पकड़ा गया। कोतवाली पुलिस रात 10 बजे तक सर्चिंग में लगी हुई थी। जिस स्तर पर पुलिस ने छात्रा की मौत के बाद सर्चिंग अभियान चलाया, अगर ऐसी सर्चिंग मकर संक्राति से चार दिन पहले की होती तो शायद छात्रा की जान जाने से बच जाती। पुलिस ने दिखावटी कार्रवाई करते हुए 50, 20, 25, 105, 9 चकरी बरामद की। लेकिन चोरी छुपे चायना डोर की हजारों-लाखों चकरियां शहर में बेच दी गई थी। जिससे लोगों ने मकर संक्राति पर जमकर पतंगबाजी की। शनिवार को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पुलिस सांप निकलने के बाद लाठी पीटने के लिये निकली है।