14 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को 20 वर्ष का कठोर कारावास
धर्म परिवर्तन के लिए भी बनाता था दवाब
इंदौर। 14 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को विशेष न्यायालय ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दुष्कर्मी पर 59 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। दुष्कर्मी बालिका पर धर्म परिवर्तन के लिए भी दबाव बनाता था।
मामला आजाद नगर थाना क्षेत्र का है। 3 जुलाई 2019 को बुजुर्ग महिला अपनी 14 वर्षीय पोती के साथ पुलिस थाने पहुंची।
बच्ची ने कहा- मां के पास अच्छा नहीं लगता
उसने बताया कि उसके बेटे-बहू वर्ष 2008 में अलग-अलग हो गए थे। दो वर्ष से उसकी बहू आजाद नगर क्षेत्र में एक मुस्लिम युवक के साथ निकाह करके अपने दोनों बेटियों के साथ रह रही है। 8 दिसंबर 2022 को उसकी पोती उसके घर आई और बोली कि मुझे मम्मी के पास अच्छा नहीं लगता है। मैं आपके साथ रहूंगी। इसके बाद से बालिका उसके साथ है। यह बालिका उदास रहती थी।
दादी ने बालिका से इसकी वजह पूछी तो उसने बताया कि 6 दिसंबर 2022 को दोपहर में वह घर पर अकेली थी। इस दौरान उसका सौतेला पिता आया और उसके साथ गलत काम किया। इसके थोड़ी देर बाद पास में रहने वाला एक नाबालिग भी आया और उसके साथ दुष्कर्म किया। कुछ देर बाद सौतेला पिता और नाबालिग आए और कहा कि यह बात किसी को बताई तो जान से खत्म कर देंगे। बालिका ने यह भी बताया कि उसका सौतेला पिता उस पर धर्म परिवर्तन करने के लिए भी दबाव बनाता था।
पास्को एक्ट में हुआ था प्रकरण दर्ज
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 354, 450, 506, 376(3), 376 (डी), 376(2) (एफ), पाक्सो एक्ट की धारा 5/6, 5(एल) /6, 7/8, धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3/5 के तहत प्रकरण दर्ज किया। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक सुशीला राठौर ने पैरवी की।
सौतेले पिता को मिली सजा
विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए बालिका के सौतेले पिता को 20 वर्ष कठोर कारावास और 59 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने बालिका को प्रतिकर के रूप में एक लाख रुपये दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है। मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ बाल न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है।