कंठाल नदी के गहरीकरण की जगह करवाएगी नगर परिषद मात्र सफाई

oppo_2

सुसनेर। सरकार के नमामि गंगे अभियान की शुरूआत 5 जून से होगी। इसमें मानसून से पहले जिलेभर के पुराने कुंए-बावड़ियों की सफाई की जाएगी और तालाबों के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाया जाएगा। यह पहला मौका जब सरकार ने इसमें जनसहयोग की अपील भी की है। किंतु इस पर भी नगर की जीवनदायिनी कंठाल नदी के गहरीकरण व इसके आसपास फैल अतिक्रमण को हटाने की बजाय नगर परिषद नदी में सफाई अभियान चलाने की बात कह रही है। जबकि पूरी तरह से उथली हो चूकी कंठाल नदी के गहरीकरण की जरूरत है, जिससे यह नदी अपने पुराने स्वरूप में लोट सके। आम लोगो का कहना है कि नगर में जगह-जगह गंदगी है, परिषद उसको नहीं हटा पा रही है, तो नदी की गंदगी को कैसे हटाएगी। परिषद के जिम्मेदार गहरीकरण से पीछे हटने की वजह आम लोगो के श्रमदान के लिए आगे नहीं आना बता रही है। जबकि इस अभियान के तहत जनसहयोग के साथ मनरेगा,नगरीय निकाय सहित अन्य से राशि खर्च होना है किंतु परिषद के जिम्मेदार इसको लेकर अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। अभियान के तहत कुएं-बावड़ियों की पूर्नजीवित करने की योजना है। तालाबों का गहरीकरण, पाल बांधना, ओवरफ्लो के लिए मोरी तैयार करना, तालाब के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण हटाने जैसे काम होना है।
वर्ष 2010 में पूर्व विधायक जनसहयोग से करवा चूके है गहरीकरण
नमामि गंगे अभियान के तहत जनसहयोग के लिए किसी के आगे नहीं आने की बात नगर परिषद के द्वारा की जा रही है किंतु जनसहयोग से वर्ष 2010 में पूर्व विधायक संतोष जोशी के द्वारा कंठाल नदी का गहरीकरण करवाया था इसके बाद अभी तक जिम्मदारों द्वारा इसका गहरीकरण करवाना तो दूर इसको लेकर कोई योजना तक तैयार नही की। लंबे समय के बाद नदी के जिर्णाद्धार को लेकर सरकार की योजना आई है किंतु अधिकारी इसमें भी गंभीर दिखाते नजर नहीं आ रहे है।
प्राचीन कुंए जिनका जिर्णाद्धार हो सकता है
नगर के नरबदिया नाला क्षेत्र में तीन कुंए होवें करते थे जहां से इस क्षेत्र के रहवासियों की प्यास बुझती थी। सड़क निर्माण के दौरान इन्हे दबा दिया गया। किंतु अभी भी दो कुंए हैजो सफाई के अभाव में अस्तित्व खो रहे है। इनकी सफाई करवाकर इन्हे पुर्नर जीवित किया जा सकता है। हरिनगर कालोनी में प्राचीन बावडी देखरेख के अभाव में कचराघर बन गई है। वर्ष 2016 में कुछ सामाजिक संगठनों के द्वारा इसकी सफाई करवाई थी। 5 जून से आयोजित कार्यक्रम के दौरान इनकी सफाई करवाकर इन्हे पुनर्जीवित किया जा सकता है।