इंदौर-खंडवा राजमार्ग पर मकानों में आईं दरारें, आईआईटी का सर्वे संदिग्ध

 

ग्रामीण फिर से सर्वे पर अड़े, एनएचएआई ने किया इनकार

इंदौर। इंदौर-खंडवा-एदलाबाद राजमार्ग के निर्माण के दौरान एक बार फिर सिमरोल के घरों में दरारें आने लगी है। ग्रामीण चाहते है कि ब्लास्टिंग से होने वाले नुकसान के संबंध में फिर से सर्वे करवाया जाएगा। मगर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है।
ग्रामीण और एचएचएआई आमने-सामने आ चुके है। इसके चलते राजमार्ग का काम सिमरोल में रुका हुआ है। बारह दिन से ग्रामीण निर्माण एजेंसी वहां छोड़कर बाकी तरफ सड़क बनाने में लगी है। हालांकि एनएचएआई अब जिला प्रशासन को हस्ताक्षेप करने की गुहार लगा रहा है, लेकिन ग्रामीण नुकसान की भरपाई के लिए अड़े हुए है। जबकि एनएचएआई और निर्माण एजेंसी नेताओं के माध्यम से ग्रामीणों पर दवाब बना रहे है।
राजमार्ग के लिए सिमरोल और भेरुघाट में ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के मकानों में दरारें आ गई थी।

आईआईटी इंदौर से करवाया था सर्वे

एनएचएआई ने आईआईटी इंदौर से सर्वे करवाया। अब ग्रामीण इस सर्वे को गलत बता रहे है, क्योंकि सर्वे के लिए टीम सिर्फ कुछ घरों का निरीक्षण कर लौट गई। ग्रामीणों ने यहां तक आरोप लगाया कि मनमाने ढंग से सर्वे रिपोर्ट बनवाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी लगातार स्थानीय नेताओं के माध्यम से ग्रामीणों पर दवाब बना रही है। इसके लिए वह बड़े नेताओं का सहारा ले रहे है। ग्रामीण दोबारा नई संस्था से सर्वे की मांग पर अड़े है। नुकसान के बदले में मुआवजा चाहते है न कि मकानों की मरम्मत। निर्माण एजेंसी के मुताबिक ब्लास्टिंग इलेक्ट्रानिक ड्रिलिंग के माध्यम से करवाई जा रही है। कुछ लोग ग्रामीण को भड़का रहे है।

नहीं कर रहे छिड़काव

राजमार्ग बनाने वाली निर्माण एजेंसी पर्यावरण को लेकर लगातार नियमों का उल्लंघन करने में लगी है। सड़क निर्माण के दौरान रास्ते पर पानी का छिड़काव करने के निर्देश है। ताकि धूल न उड़े। मगर एजेंसी ऐसा नहीं कर रही है।

हर जगह उठ रहे धूल के गुबार

इन दिनों इंदौर-खंडवा मार्ग पर जगह-जगह धूल के गुबार उठ रहे हैं। इसके चलते वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में काफी दिक्कतें हो रही है। वैसे सड़क पर पानी के छिड़काव के लिए एजेंसी के पास अलग से मद होता है।

जिला प्रशासन को लिखा पत्र

प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेश बांझल का कहना है कि आईआईटी से ऊपर कोई संस्था नहीं है। बार-बार सर्वे करवाना संभव नहीं है। ऐसे में प्रोजेक्ट में देरी होगी। अब जिला प्रशासन को पत्र लिखा है और स्थान पर काम करवाने के लिए मदद मांगी है। फिलहाल अभी काम रुका हुआ है।