सुप्रीम कोर्ट में मोबाइल फोन से पैरवी की छूट: बशर्ते चेहरा साफ दिखाई दे
ब्रह्मास्त्र इंदौर। सुप्रीम कोर्ट में अब वकील किसी भी मामले की पैरवी मोबाइल फोन से भी कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी छूट दे दी है। इसके लिए यह शर्त भी है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वकील का चेहरा मोबाइल से पैरवी पर साफ दिखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इंदौर में अपने सदस्यों को इस फैसले की जानकारी पत्र के माध्यम से दी है। पत्र में कहा गया है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सहित चार सीनियर मोस्ट जजेस के साथ वकीलों की वर्चुअल मीटिंग हुई। इसमें सीजेआई ने मोबाइल से पैरवी करने की छूट दे दी है। सीजेआई ने छूट दी है, बशर्ते मोबाइल ठीक स्थान पर रखा हो। चेहरा साफ दिख रहा हो, आवश्यकता होने पर ही माइक चालू रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता मनोज बिनीवाले के मुताबिक, जिनके पास लैपटाॅप, डेस्कटॉप की सुविधा नहीं है, वे वकील मोबाइल से भी सुनवाई में शरीक हो सकते हैं।
वकीलों का माइक म्यूट कर देने का भी मुद्दा उठा
एसोसिएशन की ओर से जजेस को बताया कि वकीलों को कई बार बोलने का अवसर नहीं मिलता है। उनका माइक म्यूट कर दिया जाता है। इसका असर प्रकरणों पर होता है। अधिवक्ता प्रवीण के. रावल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोबाइल से सुनवाई की अनुमति मिलने के बाद निचली अदालतों में भी यह सुविधा शुरू की जा सकती है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही सीजेआई ने मोबाइल से पैरवी पर नाराजगी जाहिर की थी। सीजेआई ने कहा था, मोबाइल पर वकील न तो दिखाई देते हैं और न बात स्पष्ट सुनाई पड़ती है।