गोयला खुर्द जमीन मामले में किसान परिवार के पक्ष में हाईकोर्ट का निर्णय
-सत्य परेशां हो सकता है पराजित नहीं की तर्ज पर
-हाउसिंग बोर्ड की शिवांगी परिसर योजना अधर में लटकी,आमजन का पैसा अटका
उज्जैन। इंदौर रोड पर गोयला खुर्द की जमीन के मामले में किसान परिवार को उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर से न्याय मिला है। न्यायालय ने किसान परिवार के पक्ष में निर्णय देते हुए जमीन का कब्जा तुरंत किसान परिवार को देने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने अपने आदेश में जमीन पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा किए जा रहे निर्माण का टेंडर भी निरस्त कर दिया है ।
गृह निर्माण मंडल उज्जैन ने गोयला खुर्द तहसील उज्जैन में भूमि सर्वे नंबर 38/1,38/2,42/4 कुल रकबा 3.093 हेक्टेयर की विवादित कृषि भूमि पर शिवांगी परिसर निर्माण की शुरूआत सितंबर 2023 में की थी। इसके पहले इस जमीन पर जनप्रतिनिधियों से शिलान्यास करवाया गया था। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद भी मंडल ने इस जमीन पर योजना बनाई और निर्माण का ठेका देते हुए बुकिंग की । इसे लेकर जमीन मालिक कृषक परिवार की और से न्यायालय से स्थगन आदेश लिया था। इसके बाद भी गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों ने निर्माण नहीं रोका और रात में संबंधित भूमि पर निर्माण कार्य चलवाया गया था। कृषक परिवार ने बताया कि गृह निर्माण मंडल के विरूद्ध उनका जमीन प्रकरण वर्ष 2016 से उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद भी ऐसा किया गया था। निचली अदालत में गृह निर्माण मंडल ने कुटनीतिपूर्वक कृषक के साथ छद्म किया गया था। मामले में 3 जून को उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर ने किसान परिवार के पक्ष में निर्णय देते हुए हाउसिंग बोर्ड का कब्जा निरस्त कर दिया है। बोर्ड को आदेश दिए गए हैं कि वह तत्काल ही किसान को कब्जा दे यही नहीं शिवांगी परिसर निर्माण के टेंडर को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। 35 पेंज के आदेश में उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह माना है कि गृह निर्माण मंडल ने जमीन अधिगृहण वृद्धाश्रम सेवा के नाम पर किया था। गृह निर्माण मंडल उज्जैन के कार्यपालन यंत्री निर्मल गुप्ता ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर डबल बेंच के निर्णय के विरूद्ध रिव्यू अपील अगले 3-4 दिनों में मंडल करेगा। न्यायालय का 35 पेंज का आदेश है । हमने 27 हितग्राहियों का पंजीयन किया था जिनमें से 20 ईडब्ल्यूएस एवं 7 एलआईजी मकानों का यह पंजीयन है। प्राथमिक रूप से हितग्राहियों से 35 लाख की पंजीयन राशि ली गई है।
पहले होती थी गुलाब की खेती-
गोयला खुर्द की जिस जमीन पर गृह निर्माण मंडल शिवागी परिसर में मकानों एवं मल्टी का निर्माण को अंजाम देने में लगा था उस जमीन पर किसी समय में गुलाब की खेती कृषक परिवार करता था। शुरूआत से ही कृषक परिवार इस अधिगृहण का विरोध कर रहा था। इसे लेकर करीब दो दशक की न्यायालयीन लडाई कृषक परिवार गृह निर्माण मंडल से लडी है।
हितग्राहियों का आधा करोड उलझा-
गृह निर्माण मंडल के सूत्रों का कहना है कि योजना की शुरूआत में ही 30 से हितग्राहियों का पंजीयन किया गया था। विभिन्न भूखंडों एवं मकानों के लिए करीब 50 लाख की राशि इसमें मंडल को मिली थी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हितग्राहियों का पैसा हालिया स्थिति में उलझ कर रह गया है।