भस्मारती के नाम पर श्रद्धालुओं से 31 हजार की धोखाधड़ी
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। बाबा महाकाल की भस्मारती के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी के मामले कम नहीं हो रहे है। एक बार फिर 31 हजार की धोखधड़ी का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत नीलगंगा थाने पहुंची थी, जहां महाकाल थाना पुलिस को जांच के लिये सौंपा गया है।
बताया जा रहा है सेठीनगर में रहने वाले राहुल राज के इंदौर में रहने वाले कुछ रिश्तेदार बाबा महाकाल की भस्मारती में शामिल होने के लिये उज्जैन आने वाले थे। राहुल राज ने रिश्तेदारों को भस्मारती में शामिल कराने के लिये संपर्क किया तो उसकी बात अभिषेक पुजारी हुई। जिसने सभी को भस्मारती के दर्शन कराने की बात कहीं। राहुल राज ने 6 जून, 10 जून और 13 जून के लिये भस्मारती की बुकिंग करने को कहा। अभिषेक पुजारी ने पहले 11 हजार, उसके बाद 3,850, फिर 7,500 और चौथी बार में 9000 का आॅनलाइन ट्रांजेक्शन वंशिका त्रिवेदी के नाम पर दर्ज अकाउंट में करा लिया। 8 जून को रिश्तेदारों के आने पर अभिषेक पुजारी द्वारा दिये गये मोबाइल नम्बर 6364012963 और 9717320963 पर संपर्क किया गया तो मोबाइल स्वीच आॅफ होना सामने आया। 10 जून को भी रिश्तेदारों को भस्मारती के दर्शन नहीं हो पाये। राहुल राज के रिश्तेदार नीलगंगा क्षेत्र में ठहरे थे उन्हे भस्मारती के दर्शन नहीं हुए तो अपने साथ धोखाधड़ी का आभास होने पर उन्होने नीलगंगा थाने पहुंचकर शिकायत की। लेकिन मामला महाकाल थाने का होने पर नीलगंगा पुलिस ने शिकायती आवेदन लेकर सोमवार को महाकाल थाना पुलिस को जांच के लिये सौंप दिया।
महाकाल लोक बनने के बाद से बढ़ी धोखाधड़ी महाकाल लोक बनने के बाद से प्रतिदिन हजारों-लाखों श्रद्धालु देश विदेश से धार्मिक नगरी में बाबा मह्राकाल के दर्शन करने और भस्मारती में शामिल होने के लिये पहुंच रहे है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु जल्द दर्शन के साथ भस्मारती की बुकिंग के लिये मंदिर पहुंचकर लोगों से संपर्क कर जानकारी लेने का प्रयास करते है, लेकिन जालसालों के चक्कर में फंस जाते है। जालसाल उन्हे अपनी बातों में उलझाकर आॅनलाइन हजारों का ट्रांजेक्शन करा लेते है और गायब हो जाते है। पूर्व में भी कई मामले में पुलिस और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति तक पहुंच चुके है। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने से श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी का सिलसिला नहीं थम रहा है।
होटल-धर्मशाला के नाम पर भी ठगी
महाकाल दर्शन और भस्मारती के नाम पर ही श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी नहीं हो रही है। धार्मिक नगरी में होटल धर्मशाला के नाम भी ठगी के मामले सामने आते रहे है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु उज्जैन पहुंचने से पहले आॅनलाइन होटल-धर्मशाला बुक करने के लिये गुगल पर सर्च करते है। जहां उन्हे महाकाल मंदिर के नाम से जुड़ी कई ऐसी होटल-धर्मशाला की जानकारी मिलती है, जिन पर मोबाइल नबंर अंकित होते है। जिस पर संपर्क करने पर उनसे आॅनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया जाता है। उज्जैन पहुंचने पर श्रद्धालुओं को उक्त होटल-धर्मशाला नहीं मिल पाती है। आॅलाइन ठगी करने वालों के नबंर भी बंद हो जाते है। जिससे पुलिस को उन तक पहुंचने में नाकामी हाथ लगती है।