शिवाजी प्रशासनिक भवन को ही फायर के नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जरूरत
-नगर निगम में उपर वेल बूटा अंदर पेंदा फूटा
-भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के कई कार्यालयों में फायर के संसाधन ही नहीं
उज्जैन। फायर एनओसी को लेकर खूद प्रशासनिक कार्यालय ही पुरी तरह से इसे नजरअंदाज करते रहे हैं। प्रशासनिक कार्यालयों में पूर्व वर्षों में हुए हादसों के बावजूद वहां इसे जरूरी नहीं किया गया है।खूद नगर निगम के प्रशासनिक भवन को ही फायर के नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जरूरत है। यही नहीं जिला मुख्यालय के भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के कई कार्यालयों में फायर के संसाधन ही नहीं हैं।
उज्जैन संभागीय मुख्यालय पर संभाग के साथ ही उज्जैन जिला से संबंधित शासकीय,अर्द्ध् शासकीय निगम,मंडल के कार्यालय संचालित किए जाते हैं। इन्हीं कार्यालयों की स्थिति यह है कि अधिकांश में अग्निशमन के यंत्र ही नहीं हैं और जहां अग्निशमन के यंत्र हैं वे शो-पीस मात्र हैं क्यों कि उनमें से अधिकांश की वैधता अवधि ही समाप्त हो चुकी है। आग बुझाने के लिए भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के अधिकांश कार्यालयों में छोटे अग्निशमन यंत्रों का ही अभाव है।
पहले लग चुकी है आग-
भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के कार्यालयों में आग लगने का सिलसिला पिछले कुछ बरसों से ही थमा हुआ है। इससे पहले कई कार्यालयों में आग लगने के मामले होते रहे हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में एक दशक पूर्व लगी आग सबसे ज्यादा चर्चित रही है। उसके मजे आज तक कई बस मालिक लूट रहे हैं। देवास के एक बस मालिक ने तो उस आग में गंगा स्नान करते हुए तमाम कर्मों से निवृत्ति ले ली । इसी तरह से पूर्व में नगरीय प्रशासन,विकास प्राधिकरण,सेल्स टेक्स के उज्जैन के पहले मल्टी भवन सहित अन्य कार्यालयों में भी आग लगने के मामले सामने आए हैं। नगर निगम भवन में भी आग लग चुकी है।
तीन मंजिला भवन है नगर निगम का-
आगररोड स्थित नगर निगम का मुख्य प्रशासनिक कार्यालय शिवाजी भवन तीन मंजिलों में बना हुआ है। इसमें भूतल,प्रथम एवं द्वितीय तल ही हैं। सामान्य तौर पर इस भवन में अग्निशमन की तैयारी नहीं के जैसी ही है। मात्र दिखावे के छोटे अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं अगर उनकी वैधता की जांच की जाए तो ही कई सवाल खडे हो जाएंगे । उनके किराए कीमत और लगने की स्थितियों की जानकारी निकाली जाए तो बवाल ही खडा हो सकता है। नगर निगम के इस भवन की संपत्तिकर शाखा में ही पूर्व में आग लग चुकी है, यही नहीं 7-8 वर्ष पहले राजस्व विभाग अन्य कर भी इसी घटना से प्रभावित रहा है। राजस्व शाखा की आग के बाद तो कई सवाल खडे हुए थे जिनके जवाबों की स्थिति अब भी सामने नहीं है।
मल्टी भवनों में ही नहीं संसाधन-
अग्निशमन की एनओसी की स्थिति यह है कि उज्जैन के सबसे पहली मल्टी भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र में सेल्स टेक्स भवन है। इस भवन में भी अपना खूद का कोई सिस्टम नहीं है। छोटे अग्निशमन यंत्रों पर ही यह निर्भर बताई जा रही है। विकास प्राधिकरण के पुराने भवन में लग रहे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं,नगरीय प्रशासन,शहरी विकास अभिकरण, सहित अन्य कार्यालय भी छोटे यंत्रों पर ही भरोसा कर काम चला रहे हैं। हाल यह हैं कि इन छोटे यंत्रों को चलाने के लिए विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से जानकारी ली गई तो एक ने यह नहीं कहा कि उसे चलाना आता है सभी ने पल्ला झाडने वाली बातें कही है। उनका साफ कहना था कि हमें कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। दुसरा जवाब था कि फायर ब्रिगेड का काम है आग बुझाना।
सिस्टम है, नौबत नहीं आई तो चेक नहीं किया-
जी प्लस थ्री में बना विकास प्राधिकरण का वर्तमान भवन में फायर सिस्टम के लिए छोटे यंत्र तो लगे ही हैं । इसके साथ ही फायर का पूरा सिस्टम भी है। इसके तहत कुआ है हाईडेंट लगा है। मोटर लगी है। इसकी पाईप लाईन के माध्यम से भवन के प्रत्येक फ्लोर पर पाईंट छोडे गए हैं। कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार बताते हैं कि भवन में तल में पार्किंग है। भवन में अग्निशमन के लिए छोटे यंत्र भी लगे हैं। पूरा सिस्टम है लेकिन कभी नौबत ही नहीं आई तो टेस्टिंग नहीं की गई। यहां एक कर्मचारी भी तैनात है। भवन के प्रत्येक तल पर पाईंट छोडे गए हैं। सिस्टम चालू है टेस्टिंग कभी नहीं की है।
-शासन निर्देशानुसार अग्निशमन को लेकर नगर निगम मुख्यालय में तैयारियों की शुरूआत कर दी गई है। प्रशासनिक संकुल में सिस्टम लगा है उसे चेक कर टेस्टिंग की जाना है। कार्रवाई शुरू कर दी गई है। भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र के कार्यालयों के अधिकारियों को भी इसके लिए नगर निगम की और से सूचना देंगे। शासकीय,अर्द्धशासकीय,निगम,मंडल के कार्यालयों में भी इसकी तैयारी करवाई जाएगी।
-मनोज मौर्य,उपायुक्त,नगर पालिक निगम,उज्जैन