सात दिन में सीखें ड्रोन उड़ाना, यूनिवर्सिटी में होगी ट्रेनिंग
पायलट के रूप में सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा
इंदौर। विमान उड़ाने के लिए जिस प्रकार पायलट को लाइसेंस की जरूरत होती है, उसी प्रकार भारत सरकार ने ड्रोन उड़ाने के लिए भी अब डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। ट्रेनिंग भी जरूरी की गई है। देश के कई शहरों में इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाता है। अब शहर में इंदौर लाइंग क्लब देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करेगा।
इसमें सूक्ष्म और लघु दोनों प्रकार के ड्रोन के लिए ट्रेनिंग और लाइसेंस प्रक्रिया होगी। ट्रेनिंग के बाद ड्रोन चलाने के लिए पायलट के रूप में सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी के खंडवा रोड स्थित तक्षशिला परिसर में यह कोर्स शुरू होगा। इसकी अवधि सात दिन होगी। इसमें ड्रोन के साथ छोटे खिलौना विमान उड़ाने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इंदौर लाइंस क्लब इस कोर्स का संचालन करेगा। यूनिवर्सिटी अपने यहां पर क्लब को स्थान देगी।
सुबह-शाम दो-दो घंटे की क्लास लगेगी। यूनिवर्सिटी ने एमओयू के लिए डॉ. संजीव टोकेकर, डॉ. अर्चना रांका सहित अन्य सदस्यों की कमेटी का गठन किया है।
यूनिवर्सिटी ने तय किया है कि वह लाइंस क्लब द्वारा ली जाने वाली फीस में से कोई हिस्सा नहीं लेगी। स्थान देने के बदले यूनिवर्सिटी के यूटीडी के विद्यार्थियों को 25 प्रतिशत से लेकर आधी फीस माफ करने की शतं रखी गई है, ताकि यूनिवर्सिटी के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी कोर्स कर सकें।
अब तक भोपाल, ग्वालियर, दिल्ली, मुंबई, कोयबटूर, बेंगलूरु, हैदराबाद जैसे शहरों में ही यह कोर्स होता है। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अजय वर्मा के अनुसार, अंतिम शर्ते तय की जा रही हैं। जल्द ही यूनिवर्सिटी और इंदौर लाइंग क्लब के बीच एमओयू किया जाएगा। इससे यूनिवर्सिटी के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ड्रोन उड़ाने के नए नियम —
आवेदक की उम्र 18 साल से ज्यादा और उसका हाईस्कूल पास होना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन, ऑपरेटर परमिट और उड़ाने से पहले क्लीयरेंस लेना जरूरी है। इसके लिए डीजीसीए की वेबसाइट पर डिजिटल स्काय नाम से प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। यूआइएन के लिए एक हजार और यूएओपी के लिए 25 हजार रुपए फीस लगेगी।
यूएओपी 5 साल तक वैध होगा। बाद में रिन्युअल के लिए 10 हजार रुपए फीस देनी होगी।