मध्य प्रदेश में मानसून के साथ ही तबादलों की भी होगी बरसात

 

चुनाव से निपटने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी

ब्रह्मास्त्र भोपाल। लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए। मोदी मंत्रिमंडल ने शपथ भी ले ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अब अपना पूरा-पूरा ध्यान मध्य प्रदेश पर देंगे। प्रदेश में एक बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की आहट है। समझा जा रहा है कि 16 जून से एक तरफ जहां मानसूनी बारिश होगी , वहीं प्रदेश में तबादलों की बरसात भी होने लगेगी। प्रदेश के कई आला अफसर सहित कलेक्टर, एसपी और अन्य आईएएस तथा आईपीएस इधर से उधर होने वाले हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश के सभी कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एसडीएम और एडिशनल एसपी तथा अन्य मैदानी अमले के परफॉर्मेंस की सख्त मानीटरिंग हो रही है।
मैदानी पोस्टिंग में बदलाव के लिए मंत्रियों के साथ-साथ अब सांसदों और विधायकों से भी उनके क्षेत्र के लिए उनकी पसंद पूछी जा रही है। चुनाव में बेहतर काम करने वाले और छोटे जिलों में रहकर नवाचार करने वाले सरकारी योजनाओं, नीतियों के क्रियान्वयन, उन्हें जमीनी स्तर पर धरातल पर उतरने पर, अच्छा काम कर रहे मैदानी अफसरों की मुख्यमंत्री सचिवालय के स्तर पर मानीटरिंग की जा रही है।
पदस्थापना के दौर में दो संभागों के कमिश्नर भी बदले जा सकते हैं। जिलों में अभी भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैंच तक के अफसर कलेक्टर बन चुके हैं।अभी भी 11, 12 और 13 बैच के कुछ अफसर कलेक्टर नहीं बन पाए हैं। इन्हें कलेक्टरी करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा 2015 बैच के अफसरों को भी अब जिलों की कमान दी जा सकती है।

नई अफसरों को भी मिलेगा मौका

2015 से 2019 तक बैच के आईएएस सभी सीईओ जिला पंचायत और एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। माना जा रहा है कि मंत्रालय में एसीएस, पीएस के विभागों में फेरबदल के साथ कई जिलों के कलेक्टर, एसपी बदले जा सकते हैं। वहीं कुछ नए अफसरों को मौका दिया जाएगा। यही कवायद अन्य पदों के लिए भी की जा सकती है।
मंत्रालय में अपर सचिव, प्रमुख सचिव और विभाग अध्यक्ष के पद पर लंबे समय से जमे अफसरों को बदला जाएगा।

मंत्रियों के नापसंद के अफसर बदलेंगे

मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में दो और तीन साल से एक ही स्थान पर काबिज कुछ अफसर के विभागों में परिवर्तन किया जाएगा। कुछ मंत्रियों की अपने विभागों के एसीएस, पीएस और सचिवों से पटरी नहीं बैठ रही है।