आयुष्मान के हितग्राहियों से अस्पतालों में धोखाधडी
-सरकार से पैकेज पैमेंट ले रहे,हितग्राही को पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा
– योजना के रेट में इलाज संबंधी सभी तरह के (दवाई, जांच, ट्रांसपोर्ट, इलाज पूर्व, इलाज पश्चात के खर्चे) व्यय शामिल हैं पर लाभ नहीं दे रहे
उज्जैन। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का उद्देश्य गरीब एवं असहाय परिवारों को इलाज के खर्चे से बचाना है। इसे कतिपय निजी अस्पतालों ने हितग्राहियों के साथ धोखाधडी का साधन बना लिया है। गरीब के ईलाज का पुरा पैकेज व्यय सरकार से वसूला जा रहा है और गरीब को योजना का आधा दूदा लाभ देकर रवाना किया जा रहा है। यही नहीं बीमारी से संबंधित उच्च दवा का पैकेज लेकर निम्न प्रकार की दवाईयां दी जा कर लाभ कमाया जा रहा है।
आयुषमान योजना से गरीब का तो कम भला हो रहा है निजी अस्पतालों का भरपूर भला हो रहा है। निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के हितग्राही के नाम से सरकार से पूरा पैकेज रेट लिया जा रहा है। उस पैकेज में से भी मरीज को गिनती की सुविधा दी जा रही है। यहां तक की हितग्राही मरीज को फायदा न होने पर भी ऐसी दवाईयां दी जा रही है जो उसके शरीर को कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं दे रही है उल्टा बिमारी बढती जा रही है।
पहले दवा कुछ और दी, अब कहते हैं 70 हजार महीने की दवा दो-
आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल की इसी धोखाधडी का शिकार हुए अनिल सक्सेना बताते हैं कि उनकी पत्नी ममता सक्सेना 2019 में ब्रेस्ट केंसर से पिडित हुई थी। उन्होंने उसके इलाज के लिए तत्कालीन आयुष्मान सूची में शामिल भोपाल के लालघाटी स्थित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उपचार के लिए आवेदन किया था। बकौल श्री सक्सेना 2019 में उन्हें जो दवा दी जा रही थी वो अलग थी और 2023 से जो दवा दी जा रही है वो अलग है। उनकी पत्नी को पिछले एक डेढ साल में ब्रेस्ट केंसर शरीर में फैल गया है।कैंसर शरीर के लंग्स,लीवर में आ गया है। यहां तक की हड्डी तक में कैंसर उतर गया है। अब डाक्टर कहते हैं कि जो योजना में दवा है वो दे रहे हैं अगर आप इफेक्टिव दवा चाहते हैं तो 70 हजार रूपए महीने की दवा खरीद कर दें। योजना में पैकेज के तहत जो पैसा सरकार अस्पतालों को दे रही है उसका सदउपयोग नहीं हो पा रहा है। निजी अस्पतालों में सही और उचित उपचार नहीं देकर हितग्राही और उसके परिवार का समय बर्बाद किया जा रहा है। उनके साथ धोखाधडी की जा रही है। यहां तक की संबंधित अस्पताल में डाक्टरों का व्यवहार भी ठीक नहीं है।
ये हो रहा है खेल-
योजना के तहत 23 स्पेशलिटीज के कुल 1350 पैकेजेस, शासकीय चिकित्सालय हेतु 472 आरक्षित पैकेजेस साथ ही अतिरिक्त पैकेज की सुविधा और 10 दिन का फॉलोअप भी शामिल हैं । इनमें संबंधित बीमारी का पैकेज सरकार ने एक राशि के रूप में तय कर दिया है। योजना का लाभ देते हुए निजी अस्पताल में उपचार के तहत पैकेज में बताई गई उपचार में उच्च गुणवत्ता की दवा गोली को शामिल किया गया है। निजी अस्पताल उसमें मध्यम एवं निम्न गुणवत्ता की दवा गोली का उपयोग मिलते जुलते नामों से कर रहे हैं। इसमें पैकेज में दवा चार्ज की बडी राशि बचा ली जाती है। यही नहीं इसके अतिरिक्त निजी अस्पतालों में योजना के नियमों को दरकिनार कर इलाज पश्चात के खर्च भी नहीं दिए जाते हैं दी जाने वाली दवाईयों में भी कटौती कर ली जाती है।
क्या है आयुष्मान योजना-
आयुष्मान भारत “निरामयम” योजना का उद्देश्य गरीब एवं असहाय परिवारों पर बीमारियों पर खर्चे होने वाले आर्थिक बोझ एवं गुणवत्तापूर्वक इलाज समय पर उपलब्ध कराना है। इस योजना के हितग्राहियों परिवार को 5 लाख रूपये का सलाना ईलाज योजना के अन्तर्गत सम्बध्द निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध होगा
योजना के तहत आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने के बाद, गरीबी की वजह से कोई भी व्यक्ति बेहतर चिकित्सा से वंचित नहीं रहेगा। आयुष्मान कार्ड धारकों को 5 लाख तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त होती है, साथ ही अस्पताल में रहने, खाने और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाती है।
योजना का लांच-
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन (AB-NHPM) को प्रथम चरण में प्रदेश के 08 जिलों तथा 02 मेडिकल कॉलेज में योजना का पायलट लॉन्च दिनांक 15.08.2018 को कर दिया गया है द्वितीय चरण में प्रदेश के 21 जिलों में 27.08.2018 से तथा शेष 22 जिलों तथा शेष शासकीय मेडिकल कॉलेजों में 10.09.2018 से योजना का पायलट लान्च किया गया। संपूर्ण प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन दिनांक 23.09.2018 को प्रांरभ किया गया।
इलाज हेतु नियत पैकेज
इलाज पर अस्पताल मनमाने तरीके से वसूली न कर सकें और लागत नियंत्रण (Cost Control) रखा जा सके इसके लिए इलाज संबंधी Package Rate तय किए गए हैं। ये पैकेज रेट सरकार ने पहले ही तय कर दिये हैं । आयुष्मान भारत योजना के रेट में इलाज संबंधी सभी तरह के (दवाई, जांच, ट्रांसपोर्ट, इलाज पूर्व, इलाज पश्चात के खर्चे) व्यय शामिल होंगे, जिसमे 23 स्पेशिऐलिटीज़ के कुल 1350 पैकेजेसए शासकीय चिकित्सालय हेतु 472 आरक्षित पैकेजेस साथ ही अतिरिक्त पैकेज की सुविधा और 10 दिन का फॉलोअप भी शामिल हैं ।
-हमारे पास अभी तक कोई शिकायत लिखित या मौखिक रूप से सामने नहीं आई है। उपचार के लिए प्रोसेस के तहत निजी अस्पतालों में अलग-अलग बिमारियों के लिए अलग-अलग अस्पताल पंजीबद्ध हैं।
-डा.ए के पटेल,सीएमएचओ,उज्जैन
-इस तरह के मामले जिला स्तर पर बनी समिति जिसमें सीएमएचओ रहते हैं उनके समक्ष आते हैं। आपने ध्यान आकर्षित किया है तो ऐसे मामलों की शिकायतों से संबंधित जानकारी जिलों से तलब कर ली जाएगी।
-डा.दीपक पिप्पल,क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं,उज्जैन