खुसूर-फुसूर एक बार फिर गति पकडेंगी विकास योजनाएं

दैनिक अवंतिका उज्जैन

खुसूर-फुसूर

एक बार फिर गति पकडेंगी विकास योजनाएं

आम चुनाव की आचार संहिता की वजह से कई सारे काम प्रभावित हो जाते हैं। विकास योजनाओं के लिए इस दौरान नई निविदाएं नहीं हो पाती हैं तो कई कामों को चाह कर भी नहीं किया जा सकता है। लोकतंत्र के तहत निर्वाचन आयोग की आचार संहिता का पालन किया ही जाता है और किया जाना चाहिए । आचार संहिता के कारण कई पुराने काम भी प्रभावित होते हैं उसकी वजह अधिकारियों की व्यस्तताएं भी रहती हैं। अब एक बार फिर से सामान्य अवस्था की स्थिति बन गई है। विकास योजनाओं को गति देने का समय आ गया है और धरातल पर योजनाओं को आकार देने की स्थिति भी पूरी तरह पक्षधर हो गई है। डबल इंजन की सरकार से उज्जैन को बहुतेरी उम्मीदें हैं जिनमें से एक शिप्रा को प्रदुषण मुक्त किया जाना प्रमुख है। इस प्रदुषण मुक्ति के लिए कान डक्ट प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। शिप्रा में अधिकांश प्रदुषण इंदौर एवं देवास से उज्जैन की और आ रहा है। कान्ह नदी से इंदौर का सिवरेज सीधे उज्जैन की और आ रहा है। इसी प्रदुषण को नए डक्ट प्रोजेक्ट से दूर करने के सरकार प्रयास करेगी। करीब 500 करोड की इस योजना को धरातल पर लाया जा रहा है। जल संसाधन विभाग ने इस योजना को तैयार किया है। खुसूर-फुसूर है कि जल संसाधन विभाग इससे पहले डायवर्शन योजना को भी धरातल पर लाया लेकिन विभाग अब इससे कन्नी काटता है और डायवर्शन पर बात करने को ही तैयार नहीं रहता है। डक्ट प्रोजेक्ट के धरातल पर आने के बाद डायवर्शन योजना का क्या होगा इसे लेकर भी जल संसाधन विभाग कुछ बताने को तैयार नहीं है।

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