चार होम स्टे संचालकों ने किया आदेश का उल्लंघन, पुलिस ने दर्ज किया धारा 188 का प्रकरण

उज्जैन। प्रशासन द्वारा शहर में होटल, धर्मशाला, लॉज होमस्टे पर संचालक-मैनेजर के नाम मोबाइल नंबर के साथ भस्म आरती की सूची लगाने के आदेश जारी किए हैं। जिसका उल्लंघन करते हुए चार होमस्टे संचालकों के खिलाफ धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया गया है।
महाकाल लोक बनने के बाद शहर में हर घर होमस्टे, होटल में तब्दील हो चुका है। देश-विदेश से धार्मिक नगरी में आने वालों को उसमें सुविधा देकर ठहराया जा रहा है। गली गली में खुल चुके होमस्टे चलने वाले नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि सभी होम स्टे, होटल और लॉज धर्मशाला पर संचालित करने वाले का नाम मोबाइल नंबर, मैनेजर का नाम मोबाइल नंबर और भस्म आरती के साथ महाकाल मंदिर में होने वाली आरती की सूची होम स्टे के बाहर बड़े शब्दों और अंकों में अंकित की जाए। ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को गली मोहल्ले में खुल चुके होम स्टे की जानकारी हो।

 

प्रशासन के आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की बात कही गई थी। बावजूद होमस्टे संचालकों द्वारा प्रशासन के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा था। रात को महाकाल थाना पुलिस अपने थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे होमस्टे और होटल की जांच के लिए निकली। पुलिस टीम ने दौरान प्रशासन के आदेशों का पालन नहीं करने वाले होमस्टे संचालकों की जांच की। बेगम बाग क्षेत्र में संचालित हो रहा है हिंद होमस्टे, शाइन होमस्टे, रिपोन होमस्टे और बेस्ट व्यू होमस्टे पर आदेश का पालन नहीं होना पाया। चारों के संचालकों पर जिलाधीश के आदेश का उल्लंघन करने की धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया गया है। महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि आगामी दिनों में भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए क्षेत्र में संचालित हो रहे होमस्टे, होटल, लॉज और धर्मशालाओं की जांच जारी रखी जाएगी। आदेश का पालन नहीं करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। थाना प्रभारी के अनुसार कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन बस स्टैंड और महाकाल मंदिर के आसपास से होम स्टे से जुड़े लोग कमीशन के चक्कर में उन्हें सभी सुविधा देने का हवाला देकर अपने साथ ले जाते हैं और ऐसे गली मोहल्ले में छोड़ आते हैं जहां के रास्ते बाहर से आने वालों को पता नहीं होते हैं। सिर्फ नाम लिखे होमस्टे में ठहरने के बाद यात्री अपनी धार्मिक यात्रा के लिए निकलता है तो लौटते वक्त उन्हें गलियों का पता नहीं होता है जिसके चलते वह रास्ता भड़काने के साथ परेशान होता रहता है। जबकि होम स्टे संचालक उनसे पहले ही एडवांस रुपए जमा कर लेते हैं। जिसके चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशान होने के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। अब सभी होमस्टे पर संचालक मैनेजर का नाम,मोबाइल नंबर लिखा होने पर उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।