पोलियो एवं दस्तक अभियान :जिला स्तर पर आयोजित हुई कार्यशाला
उज्जैन। राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान एवं दस्तक अभियान के सफल कियान्वयन हेतु जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया। जिला उज्जैन में राष्ट्रीय पल्स पोलियों का आयोजन 23 जून रविवार को किया जायेंगा। वर्ष 2024-25 में दस्तक अभियान का प्रथम चरण दिनांक 25 जून से 27 अगस्त 2024 की अवधि में आयोजित किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि कार्यशाला में डॉ. एस. के. सिंह , डॉ. रविन्द्र कुमार पाल , डॉ. अभिषेक घचोटिया, समस्त खण्ड चिकित्साधिकारी, डॉ. जे. पी. तिवारी , उज्जैन शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्साधिकारी, श्री अनस कुरेशी, श्री दिलीप वसुनिया, सुश्री साक्षी शर्मा , समस्त बी.पी.एम., बी.ई.ई., बी.सी.एम., विभाग के सुपरवाईजर सहित विभिन्न अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित हुवे।
तीन दिन तक पिलाएंगे दवाई-
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2024 में भारत शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार में राष्ट्रीय पल्स पोलियों अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिला उज्जैन में राष्ट्रीय पल्स पोलियों का आयोजन दिनांक 23 जून 2024 रविवार को किया जायेंगा, जिसमे अन्तर्गत 0 से 5 वर्ष उम्र तक के बच्चों करे दो बून्द पोलियों की दवा पिलाई जावेगी, विभाग द्वारा सम्पूर्ण जिले मे पोलियो बूथ स्थापित किये जायेंगे जहां दो बून्द पोलियों की दवाई पिलाई जावेंगी। 23 जून को पोलियो की दवाई पीने से वंचित बच्चों को 24 व 25 जून 2024 को घर-घर जाकर पोलियों की दवाई पिलाई जायेंगी। पल्स पोलियो अभियान के दौरान ईट भट्टे निर्माण स्थल, झुग्गी झोपड़िया एवं घुम्मकड़ आबाद स्थल पर विशेष ध्यान देकर लक्ष्य का शतप्रतिशत पूर्ति का प्रयास किया जायेगा।
बाल मृत्यू दर घटाने के लिए दस्तक अभियान-
इसी क्रम में दस्तक अभियान अंतर्गत बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है यह अभियान वर्ष में 2 बार,अधिकतम 6 माह तथा न्यूनतम 4 माह के अंतराल में आयोजित किया जाता है ।अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष की चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार/प्रबंधन पर बल दिया जाता है। इसी तारतम्य में वर्ष 2024-25 में दस्तक अभियान का प्रथम चरण 25 जून से 27 अगस्त 2024 की अवधि में आयोजित किया जाना है, जिस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा 5 वर्ष तक के बच्चों के घर-घर जाकर उनकी चिकित्सकीय जांच एवं आवश्यक उपचार सुनिश्चत करने हेतु विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित की जायेंगी।