डीएवीवी में भ्रष्टाचार चरम पर, साहनी बिना डिग्री के बन बैठे सिविल इंजीनियर

 

हॉस्टल की नई सड़को पर दिख रही बड़ी दरारें

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का बोल बाला इतना बड़ चुका है कि इसको देखते हुए भी इस नजर अंदाज किया जा रहा है।
कुलपति रेणु जैन महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर हमेशा से ही अपनी जिम्मेदारी से बचती रही है। आईटी के मैकेनिकल इंजीनियर साहनी को सिविल इंजीनियरिंग का पूरा काम का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सोप रखा है।
आखिर यह कैसे संभव है कि एक मैकेनिकल इंजीनियर सिविल इंजीनियर के सारे काम को करवा रहा है।
आईईटी के प्रोफेसर के क्वार्टर के बाहर लगे पेपर ब्लॉक भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं तो भाई सड़कों का हाल भी इतना खराब हो चुका है कि वहां पैदल भी आया जाया नहीं किया जा सकता है।
जिस जगह पर विश्वविद्यालय को अच्छी से अच्छी सड़क बनानी थी वहीं पर पेवर ब्लॉक लगाकर इति श्री कर ली गई है।
इधर अपने का दौरा जल्दी ही विश्वविद्यालय में होने वाला है ऐसे में विश्वविद्यालय के बत्तीसी विभागों में रिनोवेशन के कार्य होने के साथ ही
कई तरह के क किए जाएंगे।
ऐसे में फिर एक बार विश्वविद्यालय को गणित में पहुंचने के लिए साहनी अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन बिना टेंडर और बिना वर्क आर्डर के ही रिनोवेशन के साथ सड़क व अन्य कार्य करवा रही है जो की एक तरह से भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।
शासन के अधिनियमों के अनुसार शासकीय विभागों में टेंडर प्रक्रिया के साथ वर्क आर्डर के चलते ही विकास कार्य किया जाना है। इसके बावजूद भी जिस तरह से विश्वविद्यालय प्रबंधन कार्य कर रहा है कहीं ना कहीं वह शंकाओं के घेरे में है।