घोटाले से कंगाल नगर निगम की और खस्ता हालत—- जून तक 208 करोड़ वसूलने का लक्ष्य, अभी तो 65 करोड़ भी नहीं मिले
ई-पालिका पोर्टल के हैक होने की वजह से कई दिनों तक निगम का कामकाज बंद रहा
इंदौर। ई-पोर्टल में हुई गड़बड़ी का खामियाजा इंदौर नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम ने 30 जून तक संपत्तिकर के 180 करोड़, जलकर के 17 करोड़ और कचरा संग्रहण शुल्क के 11 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हालत यह है कि अब तक इन तीनों करों को मिलाकर 65 करोड़ रुपये की भी वसूली नहीं हुई है।
कर वसूली के लिए नगर निगम हमले ने मैदान संभाला
वित्तीय संकट से गुजर रहा निगम
वित्तीय संकटों से गुजर रहे नगर निगम ने राज्य शासन से 30 जून से पहले लोक अदालत आयोजित करने की अनुमति मांगी है। निगम के अधिकारियों लोक अदालत में 50 से 60 करोड़ रुपये की वसूली होने की उम्मीद है। निगम ने खुद भी अपने दम पर मैदान में उतरकर बकाया कर वसूली की मुहिम शुरू कर दी है। ई-पालिका पोर्टल 21 दिसंबर 2023 को हैक हो गया था। नगर निगम में संपत्ति कर, जलकर, कचरा संग्रहण कर, लायसेंस शुल्क जैसे सभी शुल्क ई-पोर्टल के माध्यम से ही जमा होते हैं।
कई दिनों बंद रहा कामकाज
ई-पालिका पोर्टल के हैक होने की वजह से कई दिनों तक निगम का कामकाज बंद रहा। हाल ही में पोर्टल चालू तो हो गया, लेकिन अब भी इसमें पुराना रिकार्ड नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि कर जमा करने के लिए पहुंच रहे लोगों को पुरानी रसीदें दिखाना पड़ रही हैं।
लक्ष्य से 65 फीसदी कम कर वसूली
नगर निगम के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष अब तक संपत्ति कर के रूप में लगभग 50 करोड़ रुपये की वसूली ही हो सकी है। यह लक्ष्य से करीब 65 प्रतिशत कम है। जलकर और कचरा संग्रहण की स्थिति भी ऐसी ही है। 207 करोड़ रुपये की वसूली के लक्ष्य के एवज में अब तक 65 करोड़ रुपये भी वसूले नहीं जा सके हैं। हमने राज्य शासन से लोक अदालत की अनुमति मांगी है।
लोक अदालत में निगम देता है छूट
लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होने वाले मामलों में छूट का प्रावधान होता है। नगर निगम भी लोक अदालत में कर जमा कराने वालों को विशेष छूट देता है। इस वर्ष फरवरी और मई में लोक अदालतें आयोजित तो हुई थीं, लेकिन ई-पोर्टल के काम नहीं करने की वजह से नगर निगम को इन दोनों ही लोक अदालतों का कोई लाभ नहीं मिल सका था।