रातभर 15 करोड़ केश गिनने के लिए चलती रही मशीन, उज्जैन में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सट्टा गेमिंग का पर्दाफाश

उज्जैन। ऑनलाइन सट्टा गेमिंग के साथ क्रिकेट सट्टा खाईवाली का उज्जैन पुलिस ने सबसे बड़ा पर्दाफाश किया है। पूरे मध्य प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई अब तक सामने नहीं आई है। 15 करोड़ नगद के साथ बड़ी संख्या में विदेशी करंसी जप्त की गई है। पुलिस को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सिम के साथ 41 मोबाइल और 19 लैपटॉप भी मिले हैं। सट्टे का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित गिरोह बनाकर किया जा रहा था।

आईजी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कुछ दिनों से ऑनलाइन सट्टा गेमिंग और क्रिकेट सट्टा चलने की जानकारी मिल रही थी। एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देशन में क्राइम ब्रांच और साइबर की टीम दो-तीन दिनों से नजर रख रही थी। रात में पुख्ता सूचना मिलने पर नीलगंगा-खाराकुआं थाना क्षेत्र की 19 ड्रीम्स कॉलोनी और मुसद्दीपुरा स्थित दो मकान पर दबिश दी गई। 19 ड्रीम्स कॉलोनी के मकान में टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाया जा रहा था। मौके से 41 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 1 मेक मिनी, 1 आईपैड, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सिम, 2 पेन ड्राइव, तीन मेमोरी कार्ड सहित अन्य संचार उपकरण जप्त किए गए। मकान से 9 आरोपियों को हिरासत में लिया है जो निंबाहेड़ा राजस्थान, लुधियाना पंजाब और नीमच के रहने वाले हैं। सभी सट्टा गेमिंग के सरगना पीयूष चोपड़ा निवासी मुसद्दीपुरा के कहने पर खाईवाली का काम कर रहे थे। पुलिस की टीम ने मुसद्दीपुरा में पीयूष चोपड़ा के घर दबिश दी थी। पीयूष मौके से भाग निकला था। लेकिन उसके घर से सामान्य से अधिक संख्या में नगद रुपयो के साथ अंतर्राष्ट्रीय करंसी, चांदी की सिल्लियां, मेकमिनी सीपीयू बरामद हो गई। नगद रुपए 14.58 करोड़ होना सामने आए हैं। वहीं विदेशी करंसी में कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, यूरो पाउंड, यूएस डॉलर, हंगरी यूरो, नेपाली रुपए और पॉलिश मुद्रा शामिल है।

11 बैग में भारी गई जप्त हुई राशि
दबिश में शामिल पुलिस टीम ने बताया कि सामान्य से अधिक मात्रा में मिले भारतीय रुपयो को गिनने के रात भर का समय लग गया मशीन मंगवा कर गिनती पूरी की गई है। जप्त राशि को 11 बैग में भरकर पुलिस की टीम सुबह वापस लौटी है। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि गेमिंग सट्टे के साथ क्रिकेट और टेनिस मैच पर भी सट्टा लगाने की जानकारी सामने आई है। पीयूष ने अपने पत्रों को हाय तकनीक के संसाधन उपलब्ध करा रखे थे। पीयूष राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बुकीज के संपर्क में था। इसके लिए लंदननेकच डॉट कॉम ऑनलाइन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा कर आईडी पासवर्ड पत्रों को उपलब्ध कराए गए थे। एक दूसरे से संपर्क में रहने के लिए झूठ मीटिंग एप का उपयोग किया जाता था। एक बार में 50 हजार से ढाई लाख का धंधा किया जाता था। एक मैच में ही करोड़ों की हार जीत लगाई जाती थी। पीयूष ने हाई स्पीड इंटरनेट डिवाइस कनेक्शन ले रखा था।

हॉर्स एप एप्लीकेशन पर पूरा हिसाब
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े गेमिंग सट्टे का पर्दाफाश होने के साथ कई जानकारियां सामने आई है। पीयूष के पास विदेशी पासपोर्ट है वह कई बार बाहर जा चुका था। लैपटॉप के माध्यम से सट्टा खाई वाली और लगे वाली की जाती थी। पूरे लेनदेन का हिसाब और एप एप्लीकेशन के माध्यम से पेन ड्राइव में सेव कर लिया जाता था। हिसाब का लेनदेन पियूष मैनेज करता था। सट्टा खाई वाली के साथ वह बिल्डर होकर प्रॉपर्टी का काम भी करता है। आईजी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पियूष फरार है वह परिवार के साथ लाटविया देश भाग सकता है जिसको लेकर लुक आउट सर्कुलर जारी कराया जा रहा है।
कई महीनो से चल रहा था अवैध कारोबार
बताया जा रहा है कि पीयूष कई महीनो से सट्टा गेमिंग और खाई वाली का काम कर रहा था उसने अलग-अलग प्रदेश और देश में घूम कर पंटरो को किराए पर बुलाया था। हिरासत में लिए गए जसप्रीत उर्फ रूबल पिता हरमंदर सिंह, गुरप्रीत पिता सरदार गुरमिल सिंह, सतप्रीत पिता परमजीत सिंह, चेतन पिता पुरनचंद नेगी लुधियाना पंजाब के रहने वाले हैं। आकाश पिता अजय मसीही, रोहित पिता सुरजीत सिंह, गौरव पिता सूरजमल जैन, मयूर पिता विजय जैन नीमच के रहने वाले हैं। हरीश पिता राजमल निंबाहेड़ा राजस्थान का निवासी होना सामने आया है। जिन्हें न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।