कैमरे में भागते दिखे, 2 के चेहरे पर था नकाब रेलवे ड्रायवर के मकान का रात में 3 बदमाशों ने तोड़ा ताला

दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन। मायापुरी और राजरॉयल कालोनी के बीच गुरूवार-शुक्रवार रात बदमाशों ने एक सूने मकान का ताला तोड़ दिया और आभूषणों के साथ नगदी चोरी कर भाग निकले। सुबह वारदात का पता चलने पर पुलिस ने कैमरों के फुटेज देखे। जिसमें 3 बदमाश दिखाई दिये। 2 के चेहरे पर नकाब बंधा हुआ था।
आर्मी से सेवानिवृत्त होने के बाद कृष्णा बेनी बिहार से उज्जैन परिवार के साथ रहने आ गये थे और रेलवे में ड्रायवरी का काम करने लगे थे। काफी सालों पहले चिमनगंज थाना क्षेत्र की राज रॉयल के पास मकान बना लिया था। गुरूवार को वह ड्युटी पर गये थे, उनका परिवार भी बिहार पैतृक गांव गया हुआ था मकान सूना था और ताला लगा हुआ था। शुक्रवार सुबह कृष्णा बेनी घर लौटे तो ताला टूटा हुआ था। थाना क्षेत्र में हुई चोरी की सूचना मिलने पर एएसआई श्रवण भदौरिया जांच के लिये पहुंचे। आसपास के कैमरों के फुटेज देखे गये। जिसमें 3 बदमाश भागते हुए दिखाई दिये। 2 के चेहरे पर कपड़ा बंधा हुआ था। एक बिना नकाब का था। कृष्णा बेनी ने बताया कि बदमाशों ने ताला तोड़ने के बाद अलमारी में रखे आभूषण और नगदी चुराकर ले गये है। पुलिस ने सामने आये फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान के प्रयास शुरू कर दिये है। मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है।
थाना क्षेत्र की कालोनियां चोरों के निशाने पर
विस्तारित होते शहर के चिमनगंज थाना क्षेत्र में कुछ सालों में दर्जनों कालोनियों का निर्माण हो चुका है। जहां संभ्रांत परिवारों के साथ मध्यमवर्गीय परिवार निवासरत है। जिनके सूने मकान चोरी की वारदात करने वाले बदमाशों के निशानों पर है। थाना क्षेत्र में आये दिन सूने मकान का ताला टूटना सामने आता है। थाना क्षेत्र की कालोनियों में सूना मकान छोड़ना परिवारों को भारी पड़ रहा है। बदमाश यहां रात में रैकी करते है और मौका मिलते ही ताला तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम देकर भाग निकलते है। कालोनीवासियों का आरोप है कि रात में पुलिस की गश्त नहीं होती है।
हिरासत में आया था पारदी गिरोह
कुछ दिन पहले चिमनगंज थाना पुलिस ने पांड्याखेड़ी ब्रिज के नीचे से रिंगरोड पर बने पेट्रोल पंप को लूटने की योजना बना रहे पारदी गिरोह को हिरासत में लिया था। गिरोह के पांच सदस्यों में से तीन चोरियों की वारदात में शामिल होना सामने आये थे। जिन्होने पंचक्रोशी मार्ग पर बनी कालोनियों के मकानों में चोरी को अंजमा दिया था। पुलिस को लगा था कि पारदी गिरोह के हिरासत में आने पर चोरी की वारदात कम होगी, लेकिन वारदात का सिलसिला जारी है।