हाईराइज बिल्डिंग की अनुमति के लिए निगम- प्राधिकरण मापदंड तय करेंगे

 

अगले महीने भोपाल में होगी बैठक

टाउन एंड कंट्री प्लनिंग के अफसर भी होंगे कमेटी में शामिल

इंदौर। शहर में हाईराइज बिल्डिंग की अनुमति जारी करने के लिए नगर निगम, प्राधिकरण और टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग विभाग के अफसरों की एक कमेटी बनाई जाएगी है। इसके लिए अगले महीने भोपाल में एक बैठक होने जा रही है। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश जारी हुए हैं।
बताया यह भी जा रहा है कि दरअसल बिल्डरों को अनुमति लेने के लिए अलग अलग विभाग में भटकना नहीं पड़े और क्लीयरेंस मिलने के बाद बिल्डिंग बनाने की अनुमति जड़ मिल जाए इसको लेकर अधिकारियों की भूमिका भी तय रहेगी।
इंदौर के विकास को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आने वाले समय में हाईराइज बिल्डिंग की आवश्यकता होगी, जिज़ लेकर नगर निगम, इंदौर विकास प्राधिकरण और टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग विभाग की एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी ही अब हाईराइज बिल्डिंग बंनने के मापदंड और उसकी अनुमति जारी करेगी। पिछले दिनों इंदौर के बिल्डरों ने सरकार को ज्ञापन देकर बताया था कि हाइराइज बिल्डिंग की अनुमति के लिए बैठक नहीं होने से परेशानी बनी रहती है।
नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग प्रदेश की 14 नगर निगमों में कमेटी बनाकर नगर निगम आयुक्त की अध्यक्षता में गठित करने का आश्वासन दिया था। इसी के तहत यह नया सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसमें तीन प्रमुख विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
निगमायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी गठित होगी, जिसमें विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी सदस्य होंगे। प्राधिकरण सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने बताया कि हाईराइज बिल्डिंग के एक मामले में प्रेजेंटेशन के माध्यम से कुछ बिंदुओं पर निर्णय की विसंगतियों को कमेटी के सदस्य दूर करेंगे।
कमेटी बनने से ये फायदा संभागायुक्त की कमेटी से साइट क्लीयरेंस के बाद हाइराइज बिल्डिंग बनाने की अनुमति लेने के लिए बिल्डर को वापस नगर निगम आयुक्त के पास आना होता है। नए सिस्टम में निगमायुक्त कमेटी की क्लीयरेंस मिलने के बाद उन्हें बिल्डिंग बनाने की अनुमति भी जल्द मिल जाएगी।
अभी संभागायुक्त की कमेटी में कलेक्टर सदस्य हैं। प्रदेश में कई जगह राप्रसे अधिकारी निगमायुक्त होने से कलेक्टर की सदस्यता पर विसंगति को देखते हुए कमेटी में कलेक्टर के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है।