कांग्रेस और भाजपा दोनों ही करेंगे अपनी टीम में बड़े फेरबदल
संघठन मजबूती के लिए कांग्रेस, तो भाजपा कुनबा बड़ाने पर देगी जोर
कैलाश विजयवर्गीय से बिगड़े नगर अध्यक्ष के रिश्ते
इंदौर। विधानसभा और लोकसभा चुनाव निपट गए हैं। फिलहाल ढाई वर्षों तक कोई राज्य स्तरीय चुनाव नहीं हैं। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव 2027 में होंगे। इसके थोड़े पहले सहकारिता और मंडी चुनाव हो सकते हैं। जाहिर है प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा अब अपने संगठन को दुरुस्त करने की कवायद शुरू करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को राहुल गांधी ने फ्री हैंड दे दिया है।
जीतू पटवारी लगातार पीसीसी के गठन की तैयारी में है। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक पीसीसी का गठन कर लिया जाएगा। जीतू पटवारी करीब दो दर्जन जिला अध्यक्षों को भी बदलेंगे। इस सर्जरी की चपेट में ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव और शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा भी आएंगे यह लगभग निश्चित है। इन दोनों की कार्यशैली को जीतू पटवारी पसंद नहीं करते। यह दोनों ही विधानसभा चुनाव में पूरी तरह विफल रहे हैं।
इधर नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे को भी संगठन में दूसरा दायित्व मिलेगा, क्योंकि उनका भी कार्यकाल समाप्त हो गया है। गौरव को नगर भाजपा अध्यक्ष बनाने में कैलाश विजयवर्गीय की निर्णायक भूमिका थी, लेकिन अब उनके संबंध बिगड़ गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि कैलाश विजयवर्गीय, गोलू शुक्ला, आकाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला चारों ही नेता गौरव को पसंद नहीं करते। महेंद्र हार्डिया, मालिनी गौड़ और मधु वर्मा की तो गौरव से पहले से ही नहीं बनती है। ऐसे में उन्होंने प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद से अच्छे संबंध कर लिए थे। इसके अलावा उन्होंने जयपाल सिंह चावड़ा और मनोज पटेल के साथ मिलकर एक तिकड़ी बना ली थी, लेकिन अब प्रदेश का निजाम पूरी तरह से बदल गया है।
विष्णु दत्त शर्मा के साथ ही हितानंद को भी दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसे में गौरव रणदिवे फिर से भाजपा अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे। हां ग्रामीण जिला भाजपा अध्यक्ष चिंटू वर्मा जरूर फिर से नियुक्त हो सकते हैं क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय का उन पर वरदहस्त बना हुआ है। वैसे भी उनकी नियुक्ति लोकसभा चुनाव के पहले हुई है। इसलिए भी उन्हें फिर से मौका मिलेगा।
संगठन चुनाव की तैयारी होगी तेज —-
भाजपा संगठन चुनाव की शुरुआत होने जा रही है ,क्योंकि मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित तमाम जिला अध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है।
दरअसल इनका कार्यकाल पिछले वर्ष ही समाप्त हो गया था लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी को एक्सटेंशन मिला। अब यह प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। शुरुआत सदस्यता अभियान से होगी। भाजपा का सदस्यता अभियान जुलाई से आरंभ हो सकता है।
पार्टी ने इसकी तैयारी आरंभ कर दी है। संभव है कि सदस्यता अभियान के बाद बूथ कमेटी, मंडल, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी दिसंबर तक पूरी कर ली जाए। गौरतलब है कि भाजपा संगठन का चुनाव वर्ष 2023 में ही प्रस्तावित था, लेकिन मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों के विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण संगठन चुनाव को आगे बढ़ा दिया गया।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी 30 जून को समाप्त हो रहा है। उनको मोदी सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद अब जल्द ही सदस्यता अभियान के साथ पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया आरंभ हो सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के बाद ही अगले वर्ष संगठनात्मक चुनाव कराए गए थे।
तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के 2019 में मंत्री बनाए जाने के बाद कार्यकारी नड्डा को अध्यक्ष बनाया गया। यही स्थिति 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बनी है। अब भाजपा अध्यक्ष नड्डा के मंत्री बनाए जाने के बाद फिर नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
संभावना है कि भाजपा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती यानी छह जुलाई से सदस्यता अभियान शुरू कर सकती है। इसके तहत भाजपा हर बूथ पर कम से कम सौ नए लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा जा सकता है। मिस कॉल देकर सदस्यता तो दी जाएगी लेकिन उनकी पुष्टि भी की जाएगी।
इस अभियान के बाद ही बूथ कमेटी और मंडल अध्यक्षों के चुनाव होंगे, फिर जिलाध्यक्ष के चुनाव कराए जाएंगे। अंतिम चरण में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।