शिप्रा के घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए  कपड़े बदलने के शेड तक नहीं लगे

– पर्व के दौरान नहान के बाद महिलाओं को अधिक परेशानी आ रही
– प्रशासन व जनप्रतिनिधि आए दिन शिप्रा किनारे जाते हैं किसी का ध्यान नहीं
दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
शिप्रा के घाटों पर आम श्रद्धालुओं के लिए कपड़े बदलने के लिए शेड तक नहीं लगे हैं। घाट पर शेड नहीं होने से पर्व के दौरान नहान के बाद महिलाओं को कपड़े बदलने की काफी दिक्कत आती है। 
आश्चर्य शिप्रा के किनारे आए दिन प्रशासन के अफसर से लेकर जनप्रतिनिधि तक जाते हैं। लेकिन किसी भी का इस बात की तरफ ध्यान नहीं गया। हालांकि यह समस्या कोई नई नहीं है। पूर्व में भी कई बार श्रद्धालु व घाट पर पूजन-पाठ कराने वाले पंडे-पुजारी इसकी शिकायत संबंधित लोगों से कर चुके हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है। शिप्रा के किनारे आए दिन ही पर्व पर मेले लगते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु नहान के लिए उमड़ते है तों पूजन-अर्चन के लिए आते हैं। शिप्रा में नहान का महत्व है। इसलिए सबसे पहले श्रद्धालु शिप्रा स्नान करता है। लेकिन नहान के बाद उसे सबसे ज्यादा परेेशानी कपड़े बदलने में आती है। क्योंकि यहां शेड नहीं है। पुरुष श्रद्धालु तो फिर भी जैसे-तैसे काम चला लेते हैं। महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। कई महिलाएं तो शेड नहीं होने की वजह से नहान तक नहीं कर पाती है। हर शिप्रा के जल छिड़ककर ही काम चला लेती है। 
कुछ समय पूर्व तक घाट पर शेड 
थे लेकिन उनमें दरवाजे नहीं थे 
घाट रहने वाले पंडे-पुजारियों ने बताया कि  कुछ समय पूर्व तक तो घाट पर कुछ एक जगह पर लोहे के शेड रखे हुए थे। लेकिन उनमें भी दरवाजे नहीं होने से महिलाओं को कपड़ेे बदलने में परेशानी होती थी। लेकिन अब तो वे शेड भी गायब हो गए है। बताया जाता हैै कि कुछ शेड को असामाजिक तत्वों ने धीरे-धीरे तोड़कर खत्म कर दिया और लोहे के पतरे बेच तक दिए। किसी ने ध्यान नहीं दिया।   
रविदास घाट से शिप्रा के छोटे पुल के 
बीच तो एक भी शेड नहीं दिख रहा
रामघाट से आगे चले तो रविदास घाट से होते हुए शिप्रा के छोटे पुल तक फिलहाल एक भी शेड  नहीं दिख रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन इस ओर ध्यान देकर शेड की व्यवस्था कराए। इस जगह पर ही सबसे अधिक लोग नहान करने के लिए उमड़ते हैं। शिप्रा के रामघाट पर ही नहान का ज्यादा महत्व होने के कारण लोग अन्य जगह कम जाते हैं। इसलिए यहां पर शेड की ज्यादा आवश्यकता है। इस पूरे घाट पर दो से तीन शेड रखने चाहिए।  
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