कुछ क्षेत्रों में शिप्रा की दुर्दशा देख आत्मा हिल जाएगी आपकी -आखिर जिम्मेदार कब मोक्षदायिनी को इस स्थिति से मोक्ष दिलवाएंगे
उज्जैन। मोक्षदायिनी शिप्रा को कान्ह के प्रदुषण से मुक्ति दिलाने के लिए डक्ट परियोजना का शिलान्यास किया गया है लेकिन सुनहरी घाट से लेकर ऋणमुक्तेश्वर तक शिप्रा की दुर्दशा देखकर किसी की भी आत्मा हिल जाएगी। इस क्षेत्र में शिप्रा में जो दुर्गति बनी हुई है उसे बयान करना मुश्किल है। न तो इस क्षेत्र में नगर निगम ही कोई योजना अंजाम दे रहा है और न ही कोई दुसरा ही जिम्मेदार इस और देखने की जुर्रत ही कर रहा है। शिप्रा में प्रदुषण के हालात त्रिवेणी और गउघाट से भी बदतर चक्रतीर्थ से सोमतीर्थ एवं वीर दुर्गादास की छत्री से रणजीत हनुमान एवं ऋणमुक्तेश्वर तक बदतर हैं। चक्रतीर्थ पर पुरी तरह से नदी गाद और मिट्टी भरजाने से सिमट सी गई है। यहां पाईप लाईन के लिए खोदी गई जमीन की मिट्टी नदी के किनारों पर जमी साफ तौर पर देखी जा सकती है। चक्रतीर्थ घाट से सोमतीर्थ घाट की और नदी में डोबरे जैसे हाल बने हुए हैं। इसका गहरीकरण किया जाना भी वाजिब नहीं समझा जा रहा है।
बडनगर रोड ब्रिज से ही दुर्गति के हाल-
शिप्रा में गंदगी और प्रदुषण की स्थिति बडनगर रोड के ब्रिज से ही पुरी तरह से बिगडी हुई है। इससे पहले बने स्टाप डेम तक तो फिर भी हालत ठीक कही जा सकती है लेकिन स्टाप डेम के बाद के शिप्रा के हाल देखते नहीं बनता है। गर्मी के दिनों में यह स्थिति स्पष्ट हो रही है। नदी में दोनों और किनारों पर मिट्टी का जमाव होने से गंदगी यहां छोटे-छोटे डोबरे नुमा गड्ढों में जमा है। हाल ही में जलसंवर्धन के कार्यों को अंजाम दिया गया है। ऐसे में इस क्षेत्र में गहरीकरण कर नदी के इस भाग को भी गंदगी और प्रदुषण से मुक्ति दिए जाने के प्रयास किए जा सकते थे।
गंदे कपडे,मिट्टी और कचरा भी नहीं उठ रहा-
इस पूरे क्षेत्र में हाल यह हैं कि नदी में फेंके गए गंदे कपडे , खुदाई की गई मिट्टी और बहकर आया जमा हुआ कचरा तक साफ नहीं किया जा रहा है। यह गंदगी और कचरा पूरे क्षेत्र में यत्र-तत्र फैला हुआ देखा जा सकता है। और तो और नदी किनारे बनाए गए गड्ढों को बंद करने के लिए भी जहमत नहीं उठाई जा रही है। यहीं पर गंदा नाला भी सीधे तौर पर शिप्रा में मिलते हुए देखा जा सकता है। इसमें शहर भर की गंदगी सीधे शिप्रा में आ रही है।
नालों के मुहानों पर पाईप लगाए-
हाल यह हैं कि पहले इस क्षेत्र के सिवरेज नाले खुले में नदी में पहुंच रहे थे। जिम्मेदारों ने उस खुली स्थिति को ढांपने के लिए कुछ मीटरों की दूरी से नाले को अंडर ग्राउंड कर दिया है और पाईप के माध्यम से गंदगी इस क्षेत्र में नदी में सीधे तौर पर छोडी जा रही है। जब की पूर्व में प्रचारित यह किया गया था कि रूद्र सागर से कालियादेह पैलेस तक पाईप लाईन के माध्यम से सिवरेज का पानी ले जाया जा रहा है । इसके उलट इस क्षेत्र में पाईप लाईन के हाल सत्य बयां कर रही है।
सबने देखी दुर्गति –
सोमवार को चक्रतीर्थ श्मसान घाट पर डा. जटिया की धर्मपत्नी के दाह संस्कार में कर्नाटक के राज्यपाल,प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के साथ सांसद, विधायक गण सहित सभी बडे नेता पहुंचे थे। संभवत: यह पहला अवसर था जब नदी के चक्रतीर्थ घाट पर नीचे की और सभी का पहुंचना हुआ हो। ऐसे में सभी ने इस दुर्गति को देखा और उससे अवगत भी हुए हैं। इसी दौरान मिडिया ने भी इसे अपने कैमरों में कैद किया है।