मेट्रो एक साल बाद बने लेकिन जनता को नहीं दे सकते सजा- मंत्री विजयवर्गीय
अब इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के वैकल्पिक रूट के लिए नए सिरे से फिजिबिलिटी सर्वे होगा
इंदौर। शहर मेट्रो के चलने की आस में बैठा है और तारीख पर तारीख बीतती जा रही है। करोड़ों रुपये की योजना है और सालों से काम चल रहा है। अब फिर मेट्रो के रूट को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। ऐसे में तेज रफ्तार ट्रेन के पटरी पर उतरने की गति और भी धीमी होने का संदेह है।
नए सिरे से फिजिबिलिटी सर्वे होगा
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के वैकल्पिक रूट के लिए नए सिरे से फिजिबिलिटी सर्वे होगा। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर हुई हितधारक बैठक में जनता व जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर यह निर्देश दिए।
फिलहाल यह है मेट्रो का रूट
गौरतलब है कि अभी मेट्रो का बंगाली चौराहे से पलासिया तक ओवरहेड व रीगल से एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड रूट तय है। यह रूट अलायमेंट वर्ष 2017 में तय हुआ था। इसके आधार पर वर्ष 2018 में प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था।
पिछले साल अप्रैल में हुई थी बैठक
अप्रैल 2023 में जनप्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मेट्रो के अंडरग्राउंड कारिडोर के अलाइनमेंट को अंतिम रूप देने के लिए बैठक हुई थी। अब सोमवार को मेट्रो अधिकारियों के साथ हुई जनप्रतिनिधियों की बैठक में बंगाली चौराहे से पीपल्याहाना चौराहा होते हुए रीगल तक नया रूट व अन्य वैकल्पिक रूट तय करने की मांग की गई है।
एक माह में पूरा हो सर्वे
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- मेट्रो निर्माण योजना को लेकर यदि पूर्व में अथारिटी ने कोई गलती की है तो हम उसे सुधारें। हमारी मेट्रो एक साल बाद बने, लेकिन शहर को उसकी सजा नहीं दे सकते हैं। मेट्रो के अधिकारी जनता द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर अगले एक माह में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करें। संभावनाएं तलाशकर फिजिबिलिटी तय करें। अगली बैठक में उसके आधार पर निर्णय लिए जाएंगे। यदि जरूरत हुई तो मैं दिल्ली में बात करूंगा।
मनमानी इंदौर वाले सहन नहीं करेंगे
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा- मेट्रो का पहला फेज ही अभी देरी व धीमी गति से चल रहा है। सुपर कारिडोर जैसे खुले हिस्से में मेट्रो का यह हाल है। शहर में जब मेट्रो का काम शुरू होगा तो क्या होगा। महापौर, मंत्री विजयवर्गीय व सांसद से गुजारिश है कि वो शहर के आगामी 25-30 साल के विकास को ध्यान में रखकर इस प्रोजेक्ट को तैयार करवाएं।
हवाई अड्डे का विकास रोकने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि इस पर सतत निगरानी की व्यवस्था भी हो। मेट्रो के नाम मनमानी हम इंदौर वाले सहन नहीं करेंगे। एयरपोर्ट पर मेट्रो का अंडर ग्राउंड स्टेशन निर्माण होने तक हवाई अड्डे का विकास रोकने की जरूरत नहीं है। राजवाड़ा से मल्हारगंज होते हुए बड़ा गणपति तक मेट्रो ले जाने के बजाय सुभाष मार्ग से मेट्रो ले जाने का वैकल्पिक मार्ग तय किया जाए।
यदि केंद्र सरकार राशि दे तो हो जाएगा : मंडलोई
प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा- जो भी सुझाव आते है उन; पर अमल करना सरकार का काम है। यदि बंगाली चौराहे से मेट्रो को नीचे उतारा जाता है और ऐसे में दो हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त लगेंगे। यदि केंद्र सरकार जनहित में इतनी राशि देने को तैयार होगी तो, हो जाएगा।