गर्मी से एक हफ्ते में 577 हज यात्रियों की मौत

इनमें सबसे ज्यादा 323 मिस्र के
ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचे 550 यात्रियों की मौत हो गई है। 12 जून से 19 जून तक चलने वाली हज यात्रा में अब तक कुल 577 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बताई गई है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 323 नागरिक मिस्र के और 60 जॉर्डन के हैं। इसके अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के तीर्थयात्रियों की भी मौत हुई है। सऊदी के 2 डिप्लोमैट्स ने एएफपी को बताया कि ज्यादातर मौतें गर्मी की वजह से बीमार पड़ने के चलते हुई हैं।

मिस्र के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि वे सऊदी के अधिकारियों के साथ मिलकर लापता लोगों को खोजने के लिए आॅपरेशन चला रहे हैं। सऊदी अरब ने बताया कि गर्मी की वजह से बीमार हुए करीब 2 हजार तीर्थयात्रियों का इलाज किया जा रहा है। 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का में जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।
इससे पहले पिछले साल हज पर गए 240 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। सऊदी ने सभी यात्रियों को छाते इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है।
हालांकि, माउंट अराफात की इबादत के साथ हज के ज्यादातर रिवाज दिन में किए जाते हैं। इसके लिए तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक बाहर धूप में रहना पड़ता है। तीर्थयात्रियों ने बताया कि हज के दौरान अक्सर उन्हें सड़क के किनारे बीमार यात्री नजर आते हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी होती है। हज के रास्ते पर लगातार एंबुलेंस का जमावड़ा लगा रहता है।

बिना वीजा भी हज करने पहुंचते हैं तीर्थयात्री
इस साल करीब 18 लाख तीर्थयात्री हज के लिए पहुंचे हैं। इनमें से 16 लाख लोग दूसरे देशों के हैं। हर साल हज पर जाने वाले हजारों यात्री ऐसे होते हैं, जिनके पास इसके लिए वीजा नहीं होता है। पैसों की कमी की वजह से इस तरह के यात्री गलत तरीकों से मक्का पहुंचते हैं।
सऊदी डिप्लोमैट्स ने न्यूज एजेंसी अऋढ को बताया कि मरने वालों में मिस्र के यात्रियों की तादाद इसीलिए ज्यादा है, क्योंकि इनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने हज के लिए रजिस्टर नहीं कराया था। इस महीने की शुरूआत में सऊदी ने हजारों बिना रजिस्ट्रेशन वाले तीर्थयात्रियों को मक्का से हटाया था।
हज को होस्ट करना सऊदी अरब के शाही परिवार के लिए सम्मान की बात है। सऊदी किंग को 2 पवित्र मस्जिदों का संरक्षक भी कहा जाता है।

Author: Dainik Awantika