सरकार का बड़ा फैसलाः मेडिकल छात्रों से अब नहीं भरवाए जाएंगे बांड

 

ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश बना देश का पहला राज्य

इंदौर। मध्य प्रदेश के मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। स्टूडेंट्स – के हित में सरकार की तरफ से एक बड़ा – फैसला लिया गया है। सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में कोई छात्र एमबीबीएस व बीडीएस की पढ़ाई किसी कारण से बीच में छोड़ता है तो इसके एवज में उसे 30 लाख रुपए का बॉन्ड जमा नहीं करना होगा।

आगामी सत्र की काउंसलिंग में शामिल होने वाले विद्यार्थियों से सीट लिविंग बॉन्ड नहीं लिया जाएगा। ऐसा करने वाला एमपी देश का पहला राज्य है। बता दें कि अभी तक कोई भी स्टूडेंट काउंसलिंग के बॉन्ड एस अंतिम चरण के आखिरी दिन या पढ़ाई के दौरान सीट छोड़ता है तो उसे सीट लिविंग बॉन्ड देने हाता था।
अब नए सत्र से ऐसा नहीं होगा। इस निर्णय का लाभ उन गरीब छात्रों को मिलेगा, जो कई बार सिर्फ इस वजह से दाखिला नहीं ले पाते हैं कि क्योंकि उनके पास बॉन्ड के तौर पर चुकाने के लिए भारी-भरकम राशि नहीं होती।
साथ ही ऐसे छात्रों को भी फायदा मिलेगा, जो किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ना चाहते है। ऑल इंडिया और राज्य कोटा के छात्रों के लिए अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार होती है।

इसी आधार पर छात्र अलग-अलग राज्यों में शुल्क जमा करवाकर सीट आवंटित करवा लेते हैं। इ अपने पसंद का कॉलेज मिलने के बाद सीट छोड़ देते हैं। इस कारण सीट खाली रह जाती थी। इसके चलते एनएमसी के निर्देश 2017 से पहले तक मप्र में 10 लाख रुपए सीट लीविंग बांड के तौर पर भरवाया जाता था। जिसे बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया था।

Author: Dainik Awantika