जलमग्न होने वाली पुल पुलिया पर सुरक्षा के सभी उपाय किए जाएं : संभागायुक्त

-जिला कमांड एंड कंट्रोल रूम राउंड द क्लॉक क्रियाशील रहे, पूर्वानुमान के लिए मौसम एप डाऊनलोड करें

 

-अपस्ट्रीम की वर्षा और उसके प्रभाव की सतत निगरानी करें ,बाढ़ आपदा प्रबंधन की संभागीय समीक्षा बैठक हुई

 

उज्जैन । संभागायुक्त उज्जैन संजय गुप्ता ने संभाग के सभी जिलों में बाढ़ आपदा नियंत्रण के संबंध में जिला कलेक्टर और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिलों में स्थापित जिला कमांड एंड कंट्रोल रूम 24 घंटे राउंड द क्लॉक क्रियाशील रहे। कंट्रोल रूम में ऐसे अधिकारी कर्मचारी की ही ड्यूटी लगाई जाए जो बाढ़ आपदा के संबंध में भली-भांति परिचित हो और जानकारी का त्वरित आदान-प्रदान कर सके। कंट्रोल रूम का नंबर बंद पाए जाने जैसी स्थितियां भी निर्मित ना हो।

बुधवार को प्रशासनिक संकुल भवन में संभाग के सभी जिलों में बाढ़ आपदा नियंत्रण के संबंध में तैयारियों की संभागायुक्त ने विस्तार से समीक्षा की।  इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कमांड एंड कंट्रोल रूम और वल्लभ भवन में स्थापित सिचुएशन रूम से सतत संपर्क में रहे। वहां से प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाए। सभी जिले अपने क्षेत्र में होने वाली वर्षा की सटीक और प्रमाणित जानकारी एकत्रित करें। वर्षा की 7 दिन के पूर्व अनुमान के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी कर्मचारी मौसम एप अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में डाऊनलोड करें।

पूल-पुलिया पर लगाएं लंबाई चौडाई का बोर्ड-

संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि ऐसे पुल पुलिया जिनमें भारी वर्षा के दौरान जलमग्न होने की स्थिति निर्मित होती है उनका चिन्हांकन कराएं। पुल पुलिया से संबंधित निर्माण विभाग अपने अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर जलमग्न होने की आशंका दिखाई देने पर तत्काल उन पुल पोलिया को बंद कराएं। सुनिश्चित करें कि पुल के दोनों ओर रेडियम युक्त सूचक लगाएं ताकि लोगों को पुल की दूरी और चौड़ाई का अनुमान रहें। साथ ही पुल के दोनों छोर पर उसकी लंबाई चौड़ाई सहित आवश्यक चेतावनी सूचक बोर्ड भी लगाएं। पुल पुलियों की जानकारी जिला कलेक्टर अपने क्षेत्र के आरटीओ को भेजें। आरटीओ स संचालकों और यूनियन के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें स्पष्ट निर्देशित करें कि पुल पुलिया जलमग्न होने के दौरान बस निकालने का प्रयास न करें। इस निर्देश का सख्ती से पालन किया जाए। वर्षा संबंधी जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया का भी प्रभावी उपयोग किया जाए।

अनाधिकृत बस्ती का स्थाई समाधान करें-

सभी जिलों के बाढ़ आपदा प्रबंधन संबंधी अधिकारी अपस्ट्रीम में होने वाली वर्षा और उसके प्रभाव की सतत मॉनिटरिंग करें और नियमित इसकी जानकारी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ साझा की जाएं। राजस्व विभाग के नियमानुसार नगरीय क्षेत्रों में लो लाइन एरिया में निर्मित अनाधिकृत बस्तियों को वैकल्पिक स्थान पर शिफ्ट कर समस्या का स्थाई समाधान किया जाए।बाढ़ आपदा प्रबंधन में स्थानीय लोगों की सक्रीय सहभागिता की जाए। सुरक्षा उपकरणों का बेहतर रखरखाव और मेंटेनेंस किया जाए। जल संसाधन विभाग के अधिकारी नदियों और गेट संचालित परियोजनाओं में वाटर लेवल की सतत मॉनिटरिंग करें। वर्षा के दौरान आरबीसी 6 (4) के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाए। मार्गो पर गोवंश होने के कारण पर सड़क दुर्घटना की स्थिति ना बने। निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में शिफ्ट किया जाए। साथ ही गोवंश के पालकों के विरुद्ध जुर्माने की कार्यवाही करें।

देवास एवं नीमच कलेक्टर विशेष सतर्कता बरतें-

संभागायुक्त ने निर्देश दिए की देवास कलेक्टर तवा और बरगी बांध से छोड़े जाने वाले पानी की सतत मॉनिटरिंग करें। साथ ही नर्मदा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से भी सतत संपर्क में रहें। इसी प्रकार नीमच जिले में रामपुर स्थित बंड पर विशेष निगरानी रखी जाएं।बाढ़ आपदा नियंत्रण के लिए मंदसौर जिला द्वारा विशेष सतर्कता बरती जाए।

पुलिस बल त्वरित रिस्पांस करें- आईजी

पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन संतोष कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि बाढ़ आपदा प्रबंधन तथा राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुलिस विभाग का बल त्वरित रेस्पॉन्स करें। सभी जिलों में कंट्रोल रूम का प्रभावी ढंग से संचालन किया जाए। सभी गेट संचालित परियोजनाओं  में वाटर डिस्चार्ज की जानकारी समय पर कंट्रोल रूम से साझा की जाएं। जलमग्न होने वाली सभी पुल पुलियों पर आवश्यक चेतावनी सूचक बोर्ड लगाए जाए। साथ ही वहां सुरक्षा के भी आवश्यक उपाय किए जाए।एसडीईआरएफ/होमगार्ड का बल संबंधित विभागों के साथ मॉकड्रिल कर लें। संभाग के सभी जिले जहां जहां बांध आदि जल संरचनाओं का निर्माण प्रगतिरत है वहां विजिट कर देखें। किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थित न बने।

संभाग के कलेक्टर विडियो कांफ्रेंसिंग से जुडे-

बैठक में सभी जिलों के जिला कलेक्टर, जल संसाधन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री द्वारा बाढ़ आपदा नियंत्रण के लिए की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में उप पुलिस महानिरीक्षक नवनीत भसीन, उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा , उपायुक्त उज्जैन सहित संबंधित विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहें। संभाग में अन्य जिलों के कलेक्टर,एसपी व अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।