रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोपवे के लिए अब जमीन अधिग्रहण करेंगे 

 
– केंद्र सरकार ने 189 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है
– अधिग्रहण के बाद शुरू होगी निर्माण की प्रक्रिया 
 
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन के रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोपवे बनेगा। यह योजना कब से मंजूर की जा चुकी है। इसके लिए पहले जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। योजना के लिए केंद्र सरकार ने 189 करोड़ रुपए की स्वीकृति पूर्व में ही दे दी है। 
उल्लेखनीय है कि रोपवे के निर्माण में कुल 13 जगह पर टावर बनने हैं। इनमें से 11 टॉवर जहां बनेंगे, वहां शासकीय जमीन हैं, जबकि 2 टावर वाले स्थान निजी भूमि वाले आ रहे हैं। राजस्व विभाग के सर्वे में ये बात सामने आने के बाद अब उक्त जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी है। 
टेंडर की प्रक्रिया पूरी, 2 साल 
में बनकर तैयार होगा रोपवे
योजना में सबसे पहले टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई। निर्माण शुरू होने के बाद 2 वर्ष में रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा। उज्जैन की तहसीलदार रूपाली जैन ने बताया कि रोपवे के निर्माण के लिए मार्ग का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी गई है। मार्ग में 13 जगह टावर लगाए जाने हैं जिनमें से 2 स्थान निजी व बाकी के सरकारी जमीन पर आ रहे हैं। इसलिए जल्द ही निजी स्थान की जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। 
हजारों यात्रियों को महाकाल 
मंदिर जाने में सुविधा मिलेगी
रोपवे बनने से उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक जाने के लिए हजारों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। यह शहर में भीड़ प्रबंधन के लिए भी कारगर रहेंगे। क्योंकि रोपवे से श्रद्धालु यात्री सीधे स्टेशन से मंदिर पहुंच जाएगा और दर्शन आदि कर वापस आ जाएगा। अभी स्टेशन से मंदिर जाने के लिए लोगों को आटो, मैजिक, ई-रिक्शा आदि साधन से जाना पड़ता है। इससे सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ता है। बड़ी संख्या में वाहन दोड़ते हैं।