दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर के पीछे रुद्रसागर के किनारे बन रहे पैदल पुल से होकर एक बार में 500 श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए जा सकेंगे। श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर की तरफ से इस पार आने में यह पुल काफी मददगार साबित होगा। 

इस पुल के निर्माण में करीब 25 करोड़ रुपए खर्च किए गए है। पुल लगभग बनकर तैयार है। फिनिशिंग आदि का काम चल रहा है। आने वाले श्रावण मास में प्रशासन इसका उपयोग शुरू कर सकता है। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए इस पुल को बनाया गया है जो कि आवागमन के लिए बहुत काम आएगा। इसके साथ ही देखे तो भगवान महाकाल का पूरा आंगन ही निखर रहा है। श्रद्धालुओं के आवागमन से लेकर पार्किंग, ठहरने, भोजन और दर्शन-पूजन के लिए बनाई योजनाओं पर बड़े करोड़ों रुपए के काम चल रहे हैं। इनमें से कई पूरे भी हो गए है। 

मंदिर में एक छत के नीचे ही 1 

लाख श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं

महाकाल मंदिर में करोड़ों रुपए के काम सिंहस्थ को देखते हुए ही कराए गए है। इनमें मंदिर के आसपास चार प्रमुख मार्ग को चौड़ा किया जा रहा है तो मंदिर का विशाल अन्नक्षेत्र काफी समय पहले ही बनकर तैयार हो गया और इसे चालू भी कर दिया गया है। यहां एक ही छत के नीचे एक लाख श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं। इसके अलावा नीलकंठ वन में वैदिक कुटी व ध्यान केंद्र बनाए बनाए गए हैं। जहां श्रद्धालु शिवत्व से रूबरू हो सकेंगे। आगामी दिनों में लेजर शो में शिवमहापुराण कथा के दर्शन भी होंगे।

1151 रुपए के खर्च से निखर 

रहा बाबा महाकाल का आंगन 

महाकाल मंदिर के पीछे बने महालोक में अब करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। महालोक के लोकार्पण के पहले हुए कामों पर 44.32 और दूसरे चरण पर 755.82 करोड़, इस तरह 1151 करोड़ रुपए से महाकाल का आंगन निखर रहा है।