जेल की सलाखों में पहुंचे 7 लगाईवाल पंटर सट्टाकिंग के साथ जसप्रीत-मयूर 25 जून तक रहेगें रिमांड पर

उज्जैन। प्रदेश के सबसे बड़े आॅनलाइन सट्टा गेमिंग में शामिल 9 पंटरों को 14 जून को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर 20 जून तक रिमांड पर लिया था। गुरूवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से सात को न्यायिक हिरासत में जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया। 2 का रिमांड 25 जून तक बढ़ाया गया है। दोनों को अब सट्टा किंग के साथ  25 जून की दोपहर न्यायालय में पेश किया जाएगा। 14 जून को आईजी संतोष कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने मध्यप्रदेश के सबसे बड़े आॅनलाइन सट्टा गेमिंग का पर्दाफाश किया था और 15 करोड़ कैश बरामद करने के साथ 41 मोबाइल, 19 लेपटॉप के साथ राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सीम के साथ विदेशी करंसी जप्त करते हुए नीलगंगा थाना क्षेत्र की  19 ड्रीम्स कालोनी से जसप्रीत उर्फ रूबल, गुरप्रीतसिंह, सतप्रीतसिंह, चेतन नेगी निवासी अमरपुरा लुधियान पंजाब, रोहित सिंह, मयूर जैन, आकाश मसीही, गौरव जैन निवासी नीमच के साथ हरीश तेली निवासी लिम्बाहेड़ा राजस्थान को गिरफ्तार कर 20 जून तक रिमांड पर लिया जाना बताया था। नीलगंगा पुलिस उनसे सट्टा गेमिंग का सुराग तलाशने में लगी थी, जिसमें सामने आया था कि उन्हे सट्टा लगाने के लिये पियुष चौपड़ा ने प्रतिमाह 25-30 हजार रूपये पर रखा था। उसने ही विदेशी बेवसाइड पर रजिस्ट्रेशन कराया था और लिंक उपलब्ध कराई थी। रिमांड अवधि में पुलिस को सिर्फ इतना ही पता चल पाया कि सट्टा करोबार के माध्यम से जसप्रीत ने उज्जैन में कुछ प्रापर्टी खरीद ली है। वहीं कारोबार की डाटा इंट्री मयूर जैन करता था। इसी आधार पर गुरूवार को न्यायालय में पेश करने के बाद पुलिस ने दोनों की रिमांड अवधि आगे की जानकारी जुटाने के लिये बढ़वाई है। सट्टा किंग चौपड़ा से जारी है पूछताछ तीन दिनों तक नजर रखने के बाद क्राइम-सायबर की टीम ने 13-14 जून की रात नीलगंगा क्षेत्र की 19 ड्रीम्स कालोनी और खाराकुआ के मुसद्दीपुरा में दबिश मारी थी। सट्टा किंग पियुष चौपड़ा मुसद्दीपुरा का निवासी है, उसके घर से 11 बेग में भरे 15 करोड़, विदेशी करंसी, चांदी की सिल्लियां मिली थी। दबिश के दौरान पियुष फरार होना सामने आया था। जिसने दूसरे दिन पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। तीन दिन की पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश कर 25 जून तक रिमांड पर लिया है। उससे भी नीलगंगा थाने पर पूछताछ जारी है, उसने अब तक यहीं बताया है कि वह खुद आॅनलाइन सट्टा अपने पंटरों से लगवाता था और जीती गई राशि को हवाला के माध्यम से मंगवाता था। वह 2010 से सट्टा लगाने का काम कर रहा है। पुलिस उसका हवाला कनेक्शन तलाश कर रही है। इनका कहना सट्टा करोबार में शामिल 7 आरोपियों को जेल भेजा गया है। 2 की रिमांड अवधि 25 जून तक बढ़ाई गई है। सट्टा कारोबार का सरगना भी रिमांड पर है। मामले की जांच जारी है और आॅनलाइन सट्टा गेमिंग का डाटा खंगाला जा रहा है।
विवेक कनोडिया, टीआई नीलगंगा